उत्तर प्रदेश पुलिस के कुछ पुलिसकर्मी लगातार अपने काम की वजह से पुलिस महकमें का सिर गर्व से ऊंचा कर रहे हैं। लेकिन रायबरेली की भ्रष्टाचारी पुलिस महकमें की फजीहत करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। ये हम नहीं बल्कि पिछले दिनों एक मासूम का अपहरण करके उसकी हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद बच्चे के पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे पूर्व विधायक ने खुद ये शब्द कहकर पुलिस को कटघरे में खड़ा कर दिया।
अखिलेश सिंह ने पुलिस को दी चेतावनी
वीडियो के अनुसार, रायबरेली के सदर क्षेत्र के पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने कहा कि पहले ऐसा होता था कि पूरा मोहल्ला खाली हो जाये। या तो मुख्यमंत्री की अगुआई करेंगे नहीं तो अखिलेश सिंह सीएम हॉउस तक हिला के रख देंगे। उन्होंने मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों से कहा ये है वीरेंद्र यादव पकड़ो अभी सॉरी हम करा देंगे। अभी हमने कल मुख्यमंत्री से इसको मिलाया है। इसको गलत केस में फंसाया है।
बेईमान कप्तान ने गलत केस में फंसाया
पूर्व विधायक अखिलेश सिंह ने कहा कि यहां के (रायबरेली) एडिशनल एसपी जो बेईमान है इसको (वीरेंद्र यादव) को गलत केस में फंसाया। उन्होंने कहा कि हम बीमार हैं हमारे लोग बीमार नहीं हैं। मृतक नोमान की मां बिलखते हुए जब पूर्व विधायक से मिली तो अखिलेश ने कहा रायबरेली पुलिस भ्रष्ट है बेईमान है।
पुलिस पर मासूम की हत्या करवाने का आरोप
उन्होंने कहा कि रायबरेली का एसपी बेईमान है, एडिशनल एसपी बेईमान है। नोमान की मां ने आरोप लगाते हुए कहा कि पिछले कई दिनों पुलिस आती है सिर्फ हम से ही सवाल करती है। परिवार वालों ने आरोप लगाया कि पुलिसवालों ने अपराधियों से मिलकर मासूम की हत्या करवाई। आरोप है कि अपराधियों ने पुलिस के कुछ कान में कह दिया इसके बाद पुलिस कहने लगी की आप का बच्चा यहां से नहीं गया। पीड़ित मां का आरोप है कि पुलिसवाले उसकी कुछ नहीं सुनते मिलीभगत के चलते अपराधी को नहीं पकड़ा।
क्या है पूरा घटनाक्रम?
गौरतलब है कि शहर के अनवर नगर निवासी सगीर अहमद और उनकी पत्नी मैसर जहां बुधवार सुबह लगभग 9:00 बजे अपनी इकलौती संतान नोमान अहमद (4) का एडमिशन कराने अहिया रायपुर में संचालित अलहम्द पब्लिक स्कूल पहुंचे। दंपती को रिसेप्शन कक्ष में बैठाकर नोमान को टेस्ट के लिए भेज दिया गया। लगभग दो घंटे गुजर जाने के बाद भी बच्चे के वापस न लौटने पर दंपती को फिक्र हुई।
उन्होंने स्कूल स्टाफ से नोमान के बारे में पूछा। प्रबंधन ने बताया कि टेस्ट तो काफी देर पहले खत्म हो गया। बच्चा शायद दूसरे गेट से बाहर निकल गया हो। स्कूल के अंदर और बाहर खोजबीन की गई लेकिन नोमान का पता नहीं चल सका। स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का आलम ये रहा है कि उसने बच्चे के गायब होने पर अपनी जिम्मेदारियों से भी पल्ला झाड़ लिया।
बदहवास अभिभावकों ने पुलिस को सूचना दी। बच्चे को खोजने के लिए परिवार के लोगों के साथ ही पुलिस की टीमें भी निकली। गुरुवार देर शाम तक नोमान के बारे में जानकारी नहीं मिल सकी थी। कोतवाल एके सिह परिहार ने बताया कि अपहरण का मुकदमा दर्ज कर तहकीकात शुरू कर दी गई थी। पुलिस की कई टीमें बच्चे की खोज में लगी थी। लेकिन शुक्रवार सुबह एक तालाब में बच्चा मिलने की सूचना मिली। इसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव बाहर निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
नोमान की मां हुई बेहोश
नोमान के अचानक गायब के बाद उसका शव मिलने के बाद सबसे ज्यादा परेशान उसकी मां मैसर जहां हैं, वह बेटे को पुकारते-पुकारते बेहोश होकर गिर रही थी। मैसर रुंधे गले से बोल रही थी कि हम तो अपने बच्चे का भविष्य बनाने स्कूल ले गए थे। न जाने वो कौन सी घड़ी थी कि मेरा लाडला मुझसे दूर हो गया। मुझे मेरा बच्चा वापस चाहिए। उसके बिना एक पल भी गुजारना मुश्किल हो रहा है।
नोमान के कातिलों का सुराग नहीं लगा पाई लापरवाह पुलिस
चार साल के मासूम नोमान के कातिलों का अभी तक कोई सुराग नहीं लग सका है। पुलिस मशक्कत कर रही है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल पाई है। एसपी शिवहरि मीणा ने पूरे अमले के साथ घटनास्थल का जायजा लिया, बल्कि मृतक के परिवारीजनों से मिलकर पूरे घटनाक्रम के बारे में पूछताछ की। इस दौरान मासूम का पिता फिर बोला कि स्कूल प्रबंधन ही उसके बेटे की हत्या का जिम्मेदार है, उसे इंसाफ चाहिए। जल्द से जल्द हत्यारों को पकड़ा जाए। घरवालों का अरोप है कि एसपी जानबूझकर आरोपी को बचाने में लगे हुए हैं।
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