उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार सोमवार को अपने कैबिनेट का विस्तार करने जा रही है। यह सीएम अखिलेश की कैबिनेट का अंतिम फेरबदल होगा। मालूम हो कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट में 60 मंत्री हो सकते हैं। वर्तमान में 57 मंत्री हैं इस तरह से 3 पद अभी खाली चल रहें हैं। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले ही सीएम का यह फैसला विवादों में आ गया है। आरटीआई एक्टवस्ट और वकीन नूतन ठाकुर ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकता गायत्री प्रजापति को मंत्री पद की शपथ ना दिलाने का अनुराध किया है।
- राज्यपाल को दिए अपने आवेदन में नूतन ठाकुर ने आरोप लगाया है कि मंत्री रहते गायत्री प्रजापति पर भ्रष्टाचार के गंभीर मामले दर्ज हुए।
- इन आरोपों के चलते ही सीएम ने उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त किया था।
- नूतन के कहा कि सीबीआई ने भी प्रजापति पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया हुआ है।
- अनुच्छेद के धारा 164 के तहत ये कहते उन्हे हटाया गया कि उन्होंने राज्यपाल का विश्वास खो दिया है।
- अब जब एक बार उन्होंने विश्वास खोया है तो इतनी जल्दी दोबारा विश्वास कैसे प्राप्त कर लिया।
- इन्हीं अनुच्छेदों का हवाला देते हुए नूतन ठाकुर ने राज्यपाल से राम नाइक से मिलकर उन्हे वापस मंत्रिमंडल में नहीं लेने की अपील की है।
सीएम अखिलेश ने खनन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति को किया बर्खास्त
सीएम को देना होगा जवाबः
- मामले पर राज्यपाल ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के परामर्श से बाध्य हैं।
- लेकिन वे इस विषय में कानूनी राय जरूर लेंगे।
- उचित समझे जाने पर वह अनुच्छेद 167 के तहत इस संबंध में मुख्यमंत्री से भी जानकारी मांगेंगे।
- कि आखिर प्रजापति को पहले मंत्री पद से क्यों हटाया गया और अब दोबारा मंत्री क्यों बनाया जा रहा है।