बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉ. अमरकांत सिंह ने मीजल्स एवं रूबैला (एमआर) टीकाकरण में सहयोग न करने वाले राजधानी के 109 और स्कूलों को नोटिस जारी की है। इसमें स्कूलों को 20 दिसंबर तक स्पष्टीकरण के साथ-साथ बच्चों को एमआर का टीकाकरण करवाने के निर्देश दिए गए हैं। इससे पहले बीएसए ने 62 स्कूलों को नोटिस दी थी। जिसमें 53 की एनओसी खत्म करने की सिफारिश की गई थी। जेडी कार्यालय का दावा है कि बीएसए ने जिन 53 स्कूलों की सूची दी है, उनमें कई यूपी बोर्ड के मान्यता प्राप्त और एडेड स्कूल हैं। इसके अलावा कुछ जूनियर स्कूल बेसिक शिक्षा परिषद से मान्यता प्राप्त हैं। जिसकी वजह से अभी कार्रवाई नहीं शुरू हो पाई है।
बीएसए के मुताबिक, टीकाकरण में जो स्कूल सहयोग नहीं कर रहे हैं, सीएमओ ने उनकी सूची दी थी। इनमें लिटिल मिलेनियम (जॉपलिंग रोड), मिलेनियम पब्लिक स्कूल, शिया कॉलेज (विक्टोरिया स्ट्रीट), सेंट पीटर्स पब्लिक स्कूल (मंसूर नगर), सेंट्रल अकैडमी (जानकीपुरम) सहित कई बड़े स्कूल के नाम शामिल हैं। इन्हें नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। फिर भी सहयोग न करने वाले स्कूलों के खिलाफ एनओसी खत्म करने की सिफारिश की जाएगी।
[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]चिह्नित 53 स्कूलों को नोटिस नहीं भेजा[/penci_blockquote]
एक ओर टीकाकरण में राजधानी के तमाम स्कूल सहयोग नहीं कर रहे। वहीं, दूसरी ओर डीएम के आदेश के बाद भी शिक्षा विभाग ऐसे स्कूलों पर कार्रवाई की जगह मेहरबान है। स्थिति यह है कि कई दिन बाद भी अब तक संयुक्त शिक्षा निदेशक (जेडी) की ओर से इन स्कूलों पर कार्रवाई तो दूर, नोटिस तक नहीं भेजी गई। जिलाधिकारी ने 22 नवंबर को सभी स्कूलों में बच्चों को टीकाकरण करवाने के निर्देश दिए थे। लेकिन 53 स्कूलों ने इसमें सहयोग नहीं किया। सीएमओ ने ऐसे स्कूलों की सूची डीएम और बीएसएस को भेजी थी। जिसपर डीएम के आदेश पर बीएसए ने 11 दिसंबर को इन 53 स्कूलों की एनओसी समाप्त करने की सिफारिश जेडी से की थी। यह सूची जेडी के पास 15 दिसंबर को पहुंची। लेकिन उसके बाद 17 दिसंबर तक भी इन स्कूलों को कोई नोटिस तक नहीं भेजा गया।
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