उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज पर बिजली विभाग के करीब 3 करोड़ 52 लाख रुपये का बिजली बिल बकाया (KGMU unpaid electricity bill) है. जिसके तहत अधिशासी अभियंता चौक ने कुल सचिव KGMU को पत्र लिखकर इसकी जानकारी दी है. गौरतलब है कि, यह बिल माह जुलाई का KGMU का बकाया है. वहीँ भुगतान न करने की दशा में बिजली का कनेक्शन काटने की बात भी कही गई है.
BRD के बाद KGMU पर संकट के बादल:
- इसी प्रकार BRD गोरखपुर में भुगतान न होने पर ऑक्सीजन सप्लाई रोकने की बात सामने आई थी.
- इसका नतीजा ये हुआ कि कई बच्चों की जान चली गई.
- हालाँकि इस पर सरकार ने बचाव करते हुए कहा था कि मौत अन्य रोगों के कारण हुई थी, ऑक्सीजन सप्लाई रुकने के कारण नहीं.
- कुछ इसी प्रकार के हालात KGMU में बन रहे हैं.
- नोटिस में साफ़ कहा गया है कि भुगतान न होने पर 25 अगस्त को सुबह 11 बजे बिजली सप्लाई रोक दी जाएगी.
25 अगस्त को विद्युत् विच्छेदन(KGMU electricity bill):
- लखनऊ स्थित KGMU का 35327332 करोड़ का बिजली बिल बकाया है.
- जिसके तहत बिजली विभाग की ओर से कुल सचिव KGMU को पत्र लिखा गया है.
- इसके पहले भी कई बार विभाग ने KGMU को पत्र लिखा है.
- इसके साथ ही पत्र में तत्काल प्रभाव से बकाया बिल जमा करने की बात कही गयी है.
- साथ ही बिल जमा न होने की दशा में 25 अगस्त को सुबह 11 बजे विद्युत् विच्छेदन की कार्रवाई की जाने की बात कही गयी है.
सरकारी विभाग ही बने हैं डिफाल्टर(KGMU unpaid electricity bill):
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन की कार्य प्रणाली को सुधारने की बात कही थी.
- जो कि एक बहुत ही मुश्किल काम साबित हो सकता है.
- वहीँ सूबे में बिजली की समस्या से सभी वाकिफ हैं, ऐसे में खुद सरकार के ही विभाग बिजली बिल बकाये के डिफाल्टर बने बैठे हैं.
- एक ओर आम आदमी से जहाँ विभाग बकाया बिल वसूलने में हर प्रकार की सख्ती करता है.
- वहीँ दूसरी ओर सरकारी विभागों में करोड़ों के बिजली के बिल बकाया पड़े हैं.
- इन विभागों में सबसे बड़ा डिफाल्टर राज्य संपत्ति विभाग है.
- वहीँ लोक निर्माण विभाग भी बकायेदारों की सूची में शामिल हैं.
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