टिकट के तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले मेट्रो रेल के स्मार्ट कार्ड से सिटी व रोडवेज बसों की भी यात्रा की जा सकेगी। एलएमआरसी ने ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) के टेंडर में ये शर्त भी कंपनी के लिए जोड़ दी है विभागों के लिए फंड ट्रांसफर के लिए एलएमआरसी अपना क्लीयरिंग हाउस बनाएगी।
- इसकी क्षमता इतनी होगी कि भविष्य में टैक्सी व टैंपो को भी इससे जोड़ा जा सकेगा।
- इतना ही नहीं यदि कभी भविष्य में दिल्ली और लखनऊ मेट्रो के टिकट को जोड़ने की बात चले तो एलएमआरसी इसके लिए तैयार रहेगी।
- फिलहाल केवल मेट्रो, सिटी बस और रोडवेज बस को इस स्मार्ट कार्ड से जोड़ा जाएगा।
- इस व्यवस्था को लागू करने के लिए एलएमआरसी 65 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
- एलएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने इस बात की जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि किराया की स्वचलित तकनीक है। इसको लेकर टेंडर प्रक्रिया अब अंतिम दौर है। 23 किलोमीटर में 65 करोड़ रुपये में कंपनी उपकरणों को स्थापित करेगी। फेयर कलेक्शन की यह तकनीक मेट्रो परियोजनाओं के लिए नई नहीं है, मगर राजधानी में बसों को भी इस किराये से इंटीग्रेट किया गया है। इससे मेट्रो, सिटी और रोडवेज बस का सफर स्मार्ट कार्ड पर ही किया जा सकेगा।