यह भगवान राम कृष्ण की धरती है साहब जो परमार्थ करता है वह सदगति, प्रगति, उन्नति व यश को प्राप्त करता है और जो स्वार्थ पूर्ति में लगता है वह दुर्गति, पराजय, अपयश की सम्पति पाता है। भारत भूमि पर यह सिद्धान्त अपेल है यानि अटूट है। दोनों राष्ट्रीय दलों भाजपा व कांग्रेस के योद्धा पुनः आमने सामने है। धर्म और अर्धम के मध्य कर्नाटक की भूमि पर विधान सभा चुनाव के रूप में कांग्रेस की वर्तमान सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए भाजपा ने ताल ठोक दी है। न जाने कौन सी दौलत है नरेन्द्र भाई मोदी के शब्दों में बात करते है तो मन खरीद लेते है वहीं राहुल गांधी जी बात करते है तो प्रायः मन खराब करते है। उज्जालों में मिल ही जाएगा कोइ न कोई, तलाश उसकी रखों जो अन्धेरों मे भी साथ दे। अच्छे मित्र, अच्छे रिश्ते और अच्छे विचार जिसके पास होते है उसे दुनिया की कोई भी ताकत हरा नहीं सकती। इस दौलत की धनी है हमारे नरेन्द्र भाई मोदी।

कर्नाटक पर पूरे देश की नजर

दक्षिण भारत के प्रदेश कर्नाटक पर पूरे देश की नजर है। देश के पत्रकारों की फौज वहां विधानसभा चुनाव की कवरेज करने पहुॅच चुकी है। छन-छन कर ये सूचाऐं आ रही है कि मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के बीच है। जनता दल जेडीएस कुछ क्षेत्र तक ही सीमित है। भाजपा ने अपना मुख्यमंत्री का चेहरा बीएस यदुरप्पा को बनाया है। कांग्रेस का चेहरा वर्तमान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ही है। दोनों दलों के मुख्यमंत्री के चेहरे अपने अपने दम पर वहां सरकार बनाने के स्थिति में नहीं है। दोनों को अतिरिक्त बल की जरूरत है ऐसे समाचार वहां से आ रहे है। दिलचस्प बात यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी का करिश्मा वहां नही चल पा रहा है। कांग्रेस की जो चुनावी सभाएं वहां हो रही है उनमें लोग सिद्धारमैया को सुनने आ रहे है न कि राहुल गाधी को।

कांग्रेस की नैय्या पार लगाना कठिन ही नहीं नामुकिन

इसका पुख्ता प्रमाण यह है कि उन सारी सभाओं में राहुल गांधी को पहले बुलाया जाता है फिर अन्तिम मुख्यवक्ता के रूप में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को बुलाया जाता है। वहां का यह उदाहरण कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए आईना दिखाने जैसा है। राहुल गांधी ने गुजरात में जो जातिय वैमनस्यता को शिखर तक पहुॅचाया था कर्नाटक में वह शून्य पर है। कांग्रेस की नैय्या पार लगाना कठिन ही नहीं नामुकिन है। दिनों दिन कांग्रेस का ग्राफ गिर रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित भाई शाह जो विलक्षण प्रतिभा के धनी, कुशल रणनीतिकार, चुनाव जितने में महारत हासिल है उन्हेें वे लगातार भाजपा को आगे बढा रहे है। उनके परिश्रम के आगे कांग्रेस ने खासकर राष्ट्रीय नेतृत्व ने तो हथियार डाल दिये है।

भाजपा की जीत में मोदी का ही करिश्मा

प्रमाण यह है कि कांग्रेस की वरिष्टतम नेता पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को वहां की जनता ने सुनने से ही मना कर दिया है। शायद इसलिए ही उन्होने वहां प्रचार न करने की बात कही है। चुनावी विश्लेषक यह बता रहे है कि सारा दारमदार फ्लोटिंग वोट पर है वह वोट जिसके हिस्से में गया उसका बेडा पार। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी ने अब तक 15 जनसभाएं करने की स्वीकृति दे दी है। आवश्यकता पड़ने पर मोदी जी सभाओं की संख्या बढा भी सकते है। नरेन्द्र भाई मोदी को सुनने के लिए कर्नाटक के लोग इंतजार में हैं वैसे भाजपा की सभी जीत देश हो या प्रदेश उसमें मोदी का ही करिश्मा देखने में आया हैं। राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह कठिन परिश्रम कर पिच तैयार करते है और मोदी जी खुब रन बनाते हैं। दोनों का रोल किसी भी राज्य में अथवा देश के किसी कोने में जबरदस्त सफलता प्राप्त करता है।

नोटबन्दी और जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव देखने में आ रहा

अमित शाह के निरन्तर कर्नाटक प्रवास से कांग्रेस के हाथ पांव फूला दिये हैं। नरेन्द्र मोदी की सरकार ने जो देश के विकास में योगदान किया है उन कल्याणकारी नीतियों को जनता पंसद कर रही है। गरीबों को मिलने वाला आवास हो, बीमा हो, गैस सिलेण्डर हो या अन्य सब्सिडी हो जो अब सीधे उनके बैंक खातो में जा रही है उससे वे प्रसन्न हैं। नोटबन्दी और जीएसटी के सकारात्मक प्रभाव भी देखने में आ रहा है। कर्नाटक की राज्य सरकार का भ्रष्टाचार भी जनता में चर्चा बना हुआ है। कांग्रेस की इसी लूट खसौट का पर्दाफाश करने का जो काम अमित भाई शाह कर है उसको और धार देने का काम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे। भाजपा की कर्नाटक में जीत से उसका कांग्रेस मुक्त अभियान लगभग पूरा हो जायेगा। कांग्रेस को सत्ता से बाहर करना यह कर्नाटक की जनता भी चाहती है उस पर मोहर मोदी जी लगा देंगे। मोदी आज दुनिया के ब्राण्ड बन चुके है। भारत में उनकी लोकप्रियता विपक्ष के तमाम बेबुनियाद आरोपों के बाद भी और बढ़ी है घटी नहीं।

मोदी का काम सिर चढ़कर बोल रहा

विपक्षियों को लगता है कि जैसे पहले होता आया था कि कांग्रेस घूम फिर कर सत्ता प्राप्त कर ही लेती थी, अब वो दिन लद गए है। बदल गया है भारत यह बात कब समझेगे ये लोग। आज भारत नौजवानों का भारत हैं देश में 40 करोड के लगभग युवा है जो मोबाइल, लैपटाप तथा इंटरनेट से जुड़े हैं। प्रतिदिन नहीं प्रतिक्षण वह देश विदेश की घटनाओं से परिचित रहता हैं उसको अपना भविष्य भी कहां सुरक्षित है यह जानने की जरूरत नहीं पड़ती खुद समझदार है। किसान, नौवजवान, गांव, गरीब सब जगह मोदी का काम सिर चढ़कर बोल रहा है। 4 साल में भारत के प्रधानमंत्री क्या क्या कर सकते थे क्या वह सब नरेन्द्र भाई ने नहीं किया है उसमें उन्होने कहां कमी छोडी है ये बाते वो सब जानते है। पूर्ववर्ती सरकारों ने किसका विकास किया है, किसका विनाश किया है यह समझने में उनको अब देर नहीं लगती।

जनता के धन पर नहीं डाल पायेगा कोई डाका 

मुफ्त की रोटी नहीं मेहनत की रोटी खाना चाहते है हर भारतवासी यह बात अब समझ में आ रही है कांग्रेस व अन्य विरोधी पाटिर्यो को। मोदी ने कसम खाई थी कि जनता के धन को न खाऊंगा न खाने दूंगा। अब कोई जनता के धन पर डाका नहीं डाल पायेगा। 4 साल में मोदी ने सिद्ध कर दिया है कि ईमानदारी से सरकार चलाई जाय तो 5 साल 50 साल पर भारी पड़ते है। कांग्रेस से लोग 70 साल का हिसाब मांग रहे है। क्यों भारत गरीब है? गरीबी क्यों नहीं खत्म की गई? भ्रष्टाचार क्यों होने दिया था? देश का धन विदेशों में क्यों पहुॅच गया, पढ़ाई की समुचित व्यवस्था क्यों नहीं की गई, स्वास्थ्य सेवाएं क्यों चरमरा गई थी। किसानों का बुरा हाल क्यों था? जातिवाद, परिवारवाद, वंशवाद, तुष्टिकरणवाद क्यों बढा था? मोदी जी ने वंशवाद को खत्म करने, जातिवाद को रोकने, परिवारवाद को खदेड़ने व तुष्टिकरणवाद के दांत खट्टे करने में अपना सारा ध्यान लगा दिया तुमने क्यों नहीं? यह सब पहले किया। क्या ये सवाल रेत की दीवार नहीं कंकंरीट की मंजबूत दीवार बन कर खडे है विपक्षियों के सामने।

राहुल ने विदेश में कहा देश को हिन्दु आंतकवाद से ज्यादा खतरा

हिन्दुओं को बदनाम करने का खड़यंत्र क्यों किया कांग्रेस पार्टी ने। भगवा आंतकवाद के नाम पर पूरे विश्व में सनातन संस्कृति को बदनाम क्यों किया। राहुल गांधी ने कर्नलपुरोहित, साध्वी प्रज्ञा व स्वामी असीमानंद को जेल में झूठे आरोप लगाकर किस बात की सजा दी। स्वयं राहुल गांधी ने विदेश में कहा कि देश को हिन्दु आंतकवाद से ज्यादा खतरा है। तत्कालिन गृहमंत्री पी चिदम्बरम व सुशील कुमार सिंद्धे ने भगवा आतंकवाद पर देश को गुमराह क्यों किया। दिग्विजय सिंह ने लगातार हिन्दुओं को निशाने पर क्यों रखा? आज सभी को जिनको भगवा आंतकी बताकर जेल में डालने को पाप किया था कांग्रेस सरकार ने उनको कोर्ट ने बरी कर दिया है क्यों? आप को लगता था कि देश में केवल राजनीति चमकाने के लिए किसी को भी जेल में डाल दो बस। उस समय किसी ने एक शेर लिखा था तत्कालिन प्रधानमंत्री मनमोहन के लिए ‘‘वतन के हालात जो सुनाने लगेंगे तो पत्थर भी आंसू बहाने लगेगें।

मोदी ने सबका साथ-सबका विकास का नारा दिया

फूट डालो राज करो या मौज करो यह थ्यौरी अब दम तोड़ चुकी है। मोदी ने सबका साथ-सबका विकास का नारा दिया था। आज भी उसी नारे पर शतप्रतिशत काम हो रहा है। देश के टैक्स के पैसे से देश का विकास होता है, किसी वंश, परिवार, जाति व मजहब का नहीं। देश व दुनिया मोदी की नीतियों के कारण उन पर भरोसा करती है। देश को मोदी वंशवाद व परिवारवाद तथा जातिवाद से परे विकासवाद की राह पर चला रहे है। मोदी का इंतजार तो कर रहे है सब पहले कर्नाटक फिर देश की जनता मोदी को पुनः 2019 में भी पूर्ण बहुमत देकर भारत को और सुदृढ व सम्रद्ध देखना चाहती है।

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