लखनऊ शहर के सभी निजी स्कूलों ने नर्सरी से 12वीं तक की फीस बढ़ा दी है। निजी स्कूलों ने पिछले साल भी लगभग 10% फीस बढ़ाई थी। अभिभावक कल्याण संघ का आरोप है कि बीते तीन साल से निजी स्कूल लगातार फीस बढ़ाते जा रहे हैं। संघ के अध्यक्ष पीके श्रीवास्तव का कहना है कि स्कूलों की मनमानी के खिलाफ हम दो साल से लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सीएम और डीएम तक को ज्ञापन भी दिए, लेकिन स्कूल प्रबंधकों की राजनीतिक पहुंच के चलते सरकार, अभिभावकों की तकलीफ अनदेखी कर रही है। आइये जानते है कि किस स्कूल ने कितनी फीस बढाई है-
- सेंट फ्रांसिस कॉलेज ने सबसे ज्यादा 33% फीस बढ़ाई है।
- डायसिस ऑफ लखनऊ के डायरेक्टर फादर पॉल के मुताबिक कैथेड्रल, सेंट पॉल, सेंट फेडलिस, माउंट कार्मल ने 15-15% फीस बढ़ा दी है।
- सेंट फ्रांसिस 33% ने फीस बढाई।
- सेंट एग्निस 20% ने फीस बढाई।
- कैथेड्रल सीनियर सेकेंड्री 15% ने फीस बढाई।
- सीएमएस 10% ने फीस बढाई।
- एलपीएस 10% ने फीस बढाई।
- डीपीएस 10% सेंट जोसफ ने फीस बढाई।
- स्कूल (राजाजीपुरम, सीतापुर रोड) 10% ने फीस बढाई।
- क्राइस्ट चर्च कॉलेज 10% ने फीस बढाई।
- एलपीसी शारदानगर 5%ने फीस बढाई।
लखनऊ के सीएमएसस, एलपीएस, एलपीसी, डीपीएस समेत सभी स्कूलों ने एलडीए से 40% सस्ते दाम पर जमीन ली है। इन्हें बिजली के बिल में 5% छूट मिलती है। नगर निगम 12वीं तक के स्कूलों से हाउस टैक्स लेता ही नहीं है। इसके बावजूद इन पर सरकार का अंकुश नहीं है। पिछले साल तत्कालीन बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी ने फीस निर्धारण के लिए एक कमिटी बनाई थी लेकिन हटते ही कमेटी ठंडे बस्ते मे चली गई।