उत्तर प्रदेश में अब नए भर्ती होने वाले सशस्त्र सिपाहियों की तैनाती पहले पीएसी में की जाएगी। 32 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद उन्हें जिलों में तैनात किया जाएगा। वहीं सिपाही से इस्पेक्टर तक के कर्मी PAC से जिला पुलिस और जिला पुलिस से पीएसी में जा सकेंगे। गृह विभाग ने इनके लिए शासनादेश जारी कर जिला पुलिस के सशस्त्र सिपाहियों को नियतन को पीएसी में शामिल कर दिया है।
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गृह विभाग ने सशस्त्र पुलिस बल, पीएसी के सिपाही, हेड कांस्टेबल दरोगा और इंस्पेक्टर तक के पदों को शामिल करते हुए एक संवर्ग बनाया है। प्रमुख सचिव गृह अरविंद कुमार की ओर से जारी शासनादेश के अनुसार, आरक्षी सशस्त्र पुलिस के स्वीकृत कुल 28084 पदों को आरक्षी पीएसी नियमावली में शामिल कर दिया गया है। जिलों में तैनाती के समय इन सिपाहियों का पद आरक्षी सशस्त्र पुलिस और पीएसी में तैनाती के दौरान आरक्षी पीएसी के नाम से जाना जाएगा।
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इस संशोधन के बाद अब प्रदेश पुलिस में आरक्षी नागरिक पुलिस के 1,73,912 पद ही रह जाएंगे। इसी तरह हेड कांस्टेबल के 7751 पदों को मुख्य आरक्षी पीएसी में शामिल कर दिया गया है। इस पूरे संवर्ग का प्रबंध पीएसी मुख्यालय करेगा। प्रमुख सचिव ने रिक्त पदों पर भर्ती एवं प्रोन्नत के लिए प्रस्ताव जल्द से जल्द भर्ती बोर्ड को भेजने को कहा है। किसी आयु वर्ग के कितने आरक्षी जिला पुलिस में तैनात किए जाएंगे इसका भी निर्धारित किया गया है। इसके तहत 32 से 39 वर्ष की आयु के आरक्षित 25%, 39 से 46 वर्ष आयु वर्ग के 25%, 46 से 53 वर्ष आयु वर्ग के 25% और 53 से 60 वर्ष आयु के 25% आरक्षित जिलों में तैनाती पाएंगे।
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जिला पुलिस ने आने वाले के लिए सिपाही दरोगा और इंस्पेक्टर को पीएसी मुख्यालय में आवेदन करना होगा। आवेदन निर्धारित संख्या से अधिक आते हैं तो वरिष्ठता सूची के आधार पर भी जिलों में तैनाती दी जाएगी। पीएसी से जिला पुलिस में आने पर सिपाही व हेड कांस्टेबल को 4 हफ्ते का इंटरकोर्स कराया जाएगा। इसमें अलग-अलग विषयों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रतिसार निरीक्षक पद के लिए मौजूदा व्यवस्था ही पालन करना होगा।