वर्किंग वीजा के नाम पर टूरिस्ट वीजा थमाकर विदेश भेजने वाले गिरोह के तार पूरे देश में जुड़े हुए है ऐसे फ्रॉड के कई केस अमेठी पुलिस के पास पहुंचे,लेकिन आरोप है कि इन जालसाजों को पकड़ने में पुलिस नाकाम रही है.
जिनके साथ धोखाधड़ी की घटना होती है,उन्हें पैसों का तो नुकसान होता ही है और रिपोर्ट तक दर्ज कराने के लिए थानों का चक्कर लगाना पड़ता है.
वर्किंग वीजा की जगह टूरिस्ट वीजा:
अमेठी जनपद के शुकुल बाज़ार थाना अंर्तगत गाँव पूरे गुमान निवासी इशहाक पुत्र रसीद रामदीन पुत्र हनुमान प्रसाद को एक स्थानीय एजेंट पप्पू खान पुत्र शाहिद निवासी पूरे मतेपुरियन दख्खिन गाँव क़्वार थाना शुकुल बाज़ार ने मलेशिया के एक मोबाइल इंडस्ट्री में नौकरी दिलाने का भरोसा देकर दोनो से 2.50-2.50 लाख रुपये लिए. इनके साथ इनके दो परिचित लड़के बाराबंकी जनपद के सुबेहा निवासी कपिल पुत्र अनूप और जहीर पुत्र नूर मोहम्मद ने भी एजेंट पप्पू खान को 2.50-2.50 लाख दे दिए.
सभी को 13 फरवरी को मलेशिया जाने की बात कहकर चेन्नई इंटरनेशनल एयर पोर्ट बुलाया जहाँ एजेंट ने लास्ट मिनट पर वीजा और सिम कार्ड दिया और कहा जल्दी जाओ नही तो तुम्हारी प्लेन छूट जायेगी युवकों ने आरोप लगाया कि टूरिस्ट बीजा मात्र पंद्रह दिनों का था और साथ में वतन वापसी का टिकट भी था जो एजेंट पप्पू खान ने प्लेन पर बैठते ही कैंसिल करवा दिया.
कैसे मिले न्याय:पुलिस भी नहीं सुनती
देश वापसी के बाद ठगी के शिकार हुए इन युवकों ने प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए कई बार शुकुलबाजार थाने का चक्कर लगाया, लेकिन प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई अक्सर अमेठी में इस तरह के जालसाजी व धोखाधड़ी के मामले सामने आते ही रहते हैं.
विदेश भेजने के नाम पर धोखाधड़ी से जुड़े तमाम फ्रॉड अमेठी में संचालित हो रहे है लेकिन यहां भी पुलिस उनके नेटवर्क को तोड़ने में फेल रही है.
वरीय पुलिस अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद दर्ज हुई प्राथमिकी:
अधिकतर मामलों में एफआईआर भी नहीं होती-कुछ एक मामलों में वरीय पुलिस अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद ही प्राथमिकी दर्ज हो पाती है कई मामले पहले भी सामने आ चुके है. बीसी दुबे अपर पुलिस अधीक्षक अमेठी ने कहा कि मामला संज्ञान में है जल्द ही मामले की जांच कराकर उचित कार्रवाई की जायेगी.