यूपी के आजमगढ़ में जन्मे मशहूर बिजनेसमैन फ्रैंक इस्लाम को मार्टिन लूथर किंग जूनियर अवॉर्ड से नवाजा गया था। इस भारतीय-अमेरिकी बिजनेसमैन को ये सम्मान उनकी मुहिम ‘सपनों को जिंदा रखने’ के लिए दिया गया था। बता दें, फ्रैंक इस्लाम का वाराणसी के दोषीपुरा इलाके में पैतृक आवास है।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में एक किसान परिवार में जन्मे इस्लाम महज 15 साल की उम्र में अमेरिका चले आए थे। उस समय पांच सौ डॉलर (करीब 31 हजार रुपये) से भी कम अपने साथ ले जाने वाले इस्लाम बाद में एक सफल उद्यमी बने। उन्होंने अपना घर गिरवीं पर रखकर 1993 में मेरीलैंड की एक घाटे में चल रही आइटी कंपनी को 50 हजार डॉलर (करीब 31 लाख रुपये) खरीदा था। उन्होंने 2007 में अपनी आइटी कंपनी बेच दी और अपना जीवन परोपकार के कामों में लगा दिया।
करीब 40 साल पहले बिजनेस के सिलसिले में फ्रैंक इस्लाम अमेरिका चले गए थे। उन्होंने साल 1994 में QSS ग्रुप नाम की आईटी कंपनी शुरू की थी। उस दौरान, अपनी कंपनी में वो इकलौते कर्मचारी थे। कुछ ही सालों में उन्होंने कंपनी का विस्तार किया और यहां कर्मचारी की संख्या 2,000 पहुंच गई।
2007 में ये कंपनी बेचने से पहले उनकी कमाई 300 मिलियन डॉलर (करीब 18 अरब रुपए) थी। बाद में वो बराक ओबामा के साथ जुड़ गए। पूर्व में वो तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति के सलाहकार थे। इसके साथ ही वो अमेरिका के बिजनेस प्लानिंग ग्रुप का अहम हिस्सा भी हैं। उनकी गिनती ओबामा के करीबियों में की जाती है।
ताजमहल जैसा बनवाया घर
छोटे भाई मशीरुल इस्लाम ने बताया, उनके भाई ने अमेरिका में ताजमहल की तरह अपना घर बनवाया है। ताकि उन्हें अपने देश की खुशबू मिलती रहे। ये घर इतना अलीशान है कि देखने वाले देखते रह जाते हैं। खास बात ये है कि ये घर अमेरिका के सबसे बड़े 10 घरों में से 1 है।
‘आलू-कचालू’ उनका पसंदीदा खाना है। विदेश में ये नहीं मिलता। ऐसे में जब भी उन्हें ये खाने का मन करता है, तो खुद ही बना लेते हैं। उन्होंने अमेरिका में ही शादी की थी। फिलहाल उनकी कोई संतान नहीं है।
आजमगढ़ को बनाएंगे आईटी सिटी
आजमगढ़ मूल के भारतीय-अमेरिकी उद्योगपति फ्रैंक इस्लाम 2015 में वाराणसी आए थे। उन्होंने बताया था, अपने पैतृक गांव आजमगढ़ को स्मार्ट और आईटी सिटी बनाना चाहते हैं।
आजमगढ़ को आईटी सिटी बनाने के लिए केंद्र सरकार के मंत्री अरुण जेटली और प्रदेश के तत्कालीन मुखिया अखिलेश यादव से इस बाबत वार्ता की थी। इस मुद्दे पर सहमति बन जाने के बाद जल्द ही विकास की योजनाएं शुरु की जाएगी।