उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों पर बजने वाले लाऊड स्पीकर को लेकर आये हाईकोर्ट के फैसले के बाद से प्रदेश के सभी जनपदों में सभी धर्मों से जुड़े लोग लायसेंस के लिए आवेदन करने के लिए जिला प्रशासन के कार्यालय पहुंचने शुरू हो गए हैं। लेकिन योगी के अधिकारी इसे लेकर संजीदा नजर नहीं आते हैं। क्योंकि मुरादाबाद सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय में आवेदन कर्ताओ की भीड़ तो हैं पर साहब नदारद हैं।
उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट से आये फैसले ने सभी धर्मों से जुड़े लोगो में हलचल बढ़ा दी हैं। क्योंकि मंदिर हो या मस्जिद या फिर गुरुद्वारा सभी धार्मिक स्थलों पर कई-कई लाऊड स्पीकर लगे हुए हैं। बल्कि हजारों स्थानों पर तो बिना अनुमति के तेज आवाज में लाऊडस्पीकर सालों से बजते आ रहे हैं। जिसे लेकर हाई कोर्ट ने सख्त रवैया अपनाते हुए आदेश जारी किया है कि सभी धर्म से जुड़े लोग लाइसेंस लेकर ही एक नियत आवाज में लाऊड स्पीकर बजा सकेंगे और जिसकी अंतिम तारीख 15 जनवरी दी गई हैं। जिसके चलते लोग लायसेंस प्रकिर्या को पूरा करने के लिए लोग प्रशासनिक अधिकारियों के दफ़्तरों पर चक्कर लगा रहे हैं। प्रदेश का आम नागरिक तो लाइसेंस को लेकर गम्भीर हैं लेकिन योगी के अधिकारी हैं जो अपने कार्यालयों से ही गायब हैं जबकि मात्र तीन दिन शेष हैं।
बिना अनुमति के लाउड स्पीकर बजाने पर होगी कार्रवाई
धार्मिक स्थल में बिना अनुमति के लाउड स्पीकर बजाने पर अब कार्रवाई होगी। इसके लिए शासन स्तर पर रविवार को पहले ही सभी जनपदों के अधिकारियो को निर्देश भी जारी हो चुका है। जिसको लेकर लखनऊ एसपी पश्चिम ने अपने छेत्र के धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर का जायजा लेकर लोगों को इसकी जानकारी शासन और प्रशाहन को देने के लिये लोगों को जागरूक किया।
शासन स्तर पर यह कार्रवाई हाईकोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी के बाद प्रमुख सचिव गृह अरविन्द कुमार की ओर से जारी शासनादेश में कहा गया है कि राजस्व और पुलिस के अधिकारी 10 जनवरी तक ऐसे स्थानों को चिन्हित करें और 15 जनवरी तक बिना अनुमति के लाउडस्पीकर बजाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी शासन को दें।
इसके मद्देनजर लखनऊ के एसपी विकास त्रिपाठी ने अपने क्षेत्र में स्थित तमाम धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों का जायजा लेते हुए लोगों को जागरूक किया। वहीं टाइम रहते लाउडस्पीकर की जानकारी देने की बात भी कही। उन्होंने यह भी जिक्र है कि 20 जनवरी तक अनुमति नहीं लेने पर सार्वजानिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटा दिए जायेंगे। बता दे बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को देखते हुए मामले में हाईकोर्ट ने दखल दिया है साथ ही औधोगिक, व्यवसायिक और आवासीय क्षेत्र के साथ ही साइलेंस जोन के लिए ध्वनि का एक मानक भी तय किया है। इसके विपरीत अगर नियमो का उलंघन करने पर संबंधिक के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी।
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