राजधानी लखनऊ के गौतमपल्ली थाना क्षेत्र के पांच कालिदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का सरकारी आवास और विधानसभा आत्मदाह का अड्डा बन चुका है। शायद इसीलिए आये दिन पीड़ित दोनों जगहों पर आत्मदाह करने को मजबूर हैं। आत्मदाह के मामले लगातार बढ़ रहे हैं जो प्रदेश की कानून व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। सोमवार को प्रतापगढ़ के एक बुजुर्ग ने विधान सभा के बाहर आत्मदाह का प्रयास किया था। इसके 24 घंटे के भीतर फिर एक बुजुर्ग ने सीएम आवास के बाहर चौराहे पर मंगलवार को आत्मदाह का प्रयास किया। आत्मदाह के प्रयास की घटना से वहां हड़कंप मचा गया। इससे पहले पीड़ित अपने ऊपर मिटटी का तेल डालकर आग लगा पता कि आनन-फानन में मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने सभी पीड़ित को हिरासत में लिया। पुलिस पीड़ित को गौतमपल्ली थाने ले गई। पुलिस पीड़ित से पूछताछ कर आगे की कार्रवाई कर रही थी।
जानकारी के मुताबिक, घटना गोल्फ चौराहा के निकट पांच कालिदास मार्ग की है। यहां प्रतापगढ़ से आए बुजुर्ग अरुण कुमार ने मंगलवार सुबह अपने ऊपर मिटटी का तेल डालकर आत्मदाह की कोशिश की। लेकिन मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उसे आग लगाने से पहले ही दबोच लिया। पीड़ित ने बताया कि प्रतापगढ़ के ग्राम पोस्ट पूरधनी के आसपुर देवसरा में दबंगों ने उसकी जमीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया है। पीड़ित ने अधिकारियों के चक्कर लगाये लेकिन कोई हल ना निकलने के बाद वह लखनऊ पहुंचा और जान देने की कोशिश की। पीड़ित ने बताया कि उसकी ज़मीन से कब्जा हटाने में प्रशासन नाकाम साबित हो रहा है। पुलिस और अधिकारियों से आहत होकर वह सीएम आवास के बाहर आत्मदाह करने पहुंचा था।
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[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]विधानसभा के सामने कल भी एक पीड़ित ने किया था आत्मदाह का प्रयास [/penci_blockquote]
हौर्तलब है कि हजरतगंज स्थित विधानसभा गेट नंबर 3 के सामने प्रतापगढ़ जिला के पुरबिया पट्टी गांव के रहने वाले सरोज कुमार सिंह पुत्र श्री गंगा राम सिंह ने सोमवार दोपहर करीब 12:30 बजे आत्मदाह करने का प्रयास किया। उन्होंने जैसे ही मिट्टी के तेल की बोतल अपने ऊपर उड़ेलनी चाही, वैसे ही मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने उन्हें दबोच लिया। पीड़ित ने बताया कि प्रभैतामऊ की आधार वर्ष खाता संख्या-97 से 3 बीघा भूमाफिया उदय नारायण एवं इनके भाइयों ने चकों में अनैतिक तरीके से नाप लिया। इसके बदले कहीं और भूमि नहीं दी गई। चक संख्या 41 प्रथम, 41 द्वितीय बनाया गया। एलाट गांव पर कब्जा नहीं दिलाया गया। चकबंदी बाहर 4/11, 1/75, 44/1 पर नाप कर पूरा किया जा रहा है। 41/3, 0.159 हेक्टेयर भूमि चकबंदी बाहर भूमि है। इसे अनैतिक तरीके से नाप दिया गया है। पुरवापट्टी की गाटा संख्या चक बाहर भूमि है इस पर राम अजोर पुत्र रामनाथ को अनैतिक तरीके से चक नाप दिया गया।
पीड़ित ने बताया कि चक संख्या 6 बनाया गया है। एलाट गाटों पर कब्जा नहीं दिलाया जा रहा है। इसके विरोध में 7 मई 2018 से जिला कलेक्ट्रेट प्रतापगढ़ में पीड़ित धरने पर बैठा था। लेकिन समस्या का कोई हल नहीं निकला। 7 अगस्त 2018 से पीड़ित आमरण अनशन पर बैठा लेकिन फिर भी समस्या का निदान नहीं किया गया। 18 सितंबर को पीड़ित को ही जेल भेज दिया गया। पीड़ित का साथ दे रही शीला पाल व पम्मी सिंह, अमृता सिंह, विजय तिवारी, पीड़ित की नाबालिग पुत्री भावना सिंह सभी को 30 घंटे तक भूखे प्यासे थाना पर बैठा कर रखा गया। 1 नवंबर 2018 को चकबंदी एसडीओ गांव तक गए। वह यह कह कर वापस आ गए कि तहसील स्टाफ नहीं है। जिससे पैमाइश नहीं की जा सकती। पीड़ित ने बताया कि 45 भूचित्र छोटा कर दिया गया है। इसलिए 23 पुष्टिकृत भूचित्र से उसकी भूमि की पैमाइश करवाई जाए। पीड़ित 24 सितंबर से जेल से बाहर आने के बाद फिर से धरने पर बैठा है लेकिन कोई सुनवाई ना होने के कारण आज उसने विधानसभा पर आत्मदाह का प्रयास किया पुलिस ने पीड़ित को हिरासत में लेकर कार्यवाही की बात कही।
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