उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले में वृद्ध दलवीर सिंह यादव (50) की गुरुवार सुबह गोली मारकर हत्या कर दी गई। दलवीर के मुंह व कनपटी में गोली लगी। खेती करने वाले दलवीर सुबह करीब 7 बजे के बाद काम करने के लिये खेतों की ओर जा रहे थे जब वह गांव के पंचायत घर चौराहे के पास से गुजर रहे थे तभी गांव के ही शातिर अपराधी रंजीत यादव ने दो साथियों के साथ के साथ घेर लिया।

दलबीर को मारने के लिए उनके ऊपर .315 बोर के तमंचे से करीब 7 गोली चलाई गई। 3 गोली लगने से दलवीर गंभीर रूप से घायल हो गए। दलवीर ने हमलावर रंजीत को पहचान लिया। दलवीर थाना मेरापुर के ग्राम बखरिया के निवासी थे। गंभीर रूप से घायल दलबीर सिंह को आज सुबह 8:30 बजे उनके भाई मेघ सिंह ने पुलिस के सहयोग से लोहिया अस्पताल पहुंचाया। डॉक्टर मनोज कुमार रतमेले ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने तहरीर के आधार पर हत्या का केस दर्ज कर मामले की पड़ताल शुरू कर दी है।

पूर्व सैनिक थे मृतक के पिता

जानकारी के मुताबिक, दलवीर के पिता पूर्व सैनिक थे उन्होंने वर्ष 1995 में बेटी को छेड़ने की रंजिश में गांव के दो भाइयों को गोली मारकर घायल कर दिया था। एक भाई की मौके पर ही मौत हो गई थी जबकि दूसरे घायल भाई का अस्पताल में उपचार हुआ था। इस दौरान तीसरा भाई रंजीत गांव में मौजूद नहीं था रंजीत ने ही अपने भाई को गोली से मारने का आज बदला ले लिया। अपराधी रंजीत पर थाना मेरापुर कोतवाली मोहम्मदाबाद नयागांव एवं जनपद मैनपुरी में अनेकों मुकदमें दर्ज हैं। अपराधी होने के कारण मैं गांव में चोरी छुपे आता था। हत्या के मुकदमे में जेल काटने के दौरान ही सुरेंद्र सिंह की मौत हो गई थी। बलवीर के दो पुत्र उपेंद्र एवं अभिनय एक बेटी नीलू है। दलवीर की मौत होते ही परिवार में कोहराम मच गया।

मृतक के भाई सतेंद्र सिंह ने बताया कि वर्ष 1996 में विरोधी पक्ष के सद्दू व मकेश की हत्या की गई थी। जिसमें मृतक का नाम आया था। पुरानी रंजिस के चलते ही खूनी खेल खेला गया है। पुलिस हमलावर को गिरफ्तार करने का प्रयास कर रही है। अगर पुलिस ने ढिलाई बरती तो और मौतें भी हो सकती हैं। सूत्रों की मानें यदि पुलिस ने जल्द आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया तो वह मृतक के परिवार में किसी को भी अपना निशाना बना सकता है। देखना होगा की पुलिस कितने समय में आरोपी को सलाखों के पीछे भेज पाती है।

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