अयोध्या के विवादित बाबरी मस्जिद मामले के सबसे उम्रदराज मुद्दई हाशिम अंसारी का बुधवार को निधन हो गया। अंसारी ने फैजाबाद में अपने घर में सुबह 5.30 बजे आखिरी सांसें लीं।वे 96 साल के थे और लंबे समय से बीमार थे।
- उनके निधन पर अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरी महाराज ने शोक जताया है।
- 94 साल के हाशिम अंसारी बीते 60 सालों से बाबरी मस्जिद के पैरोकार रहें हैं।
- उन्होंने 1949 में पहली बार इस मामले में मुकदमा दर्ज करवाया था.
- उस समय विवादित ढांचे के भीतर कथित रूप से मूर्तियां रखी गईं थीं.
- इसके बाद 1975 में इमरजेंसी लगने के दौरान हाशिम अंसारी को गिरफ्तार किया गया था।
- इस दौरान वह करीब 8 महीने तक जेल में रहे थे।
साल की शुरुआत से तबीयत थी खराबः
- अंसारी की तबियत इस साल फरवरी से ही काफी बिगड़ गई थी।
- उनके सीने में तेज दर्द हो रहा था, डॉक्टरों ने बताया उनके सीने में इंफेक्शन हो गया है।
- करीब एक साल पहले उन्होंने दिल की बीमारी का इलाज करवाकर पेशमेकर लगवाया था।
- अंसारी अपने कुछ इंटरव्यू में कह चुके थे कि उन्हें अब मौत का इंतजार है।
- वह चाहते थे कि उनके जीवित रहते राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद के मुद्दे का कोई फैसला हो जाए।
2014 में पैरवी करने से किया था इंकारः
- दिसंबर 2014 में आजम खां के एक बयान से दुखी होकर हाशिम अंसारी ने इस मामले की पैरवी करने से इंकार कर दिया था।
- बाबरी मस्जिद मुद्दे के राजनीतिकरण से वे नाराज हो गए थे।
- उन्होंने कहा था कि अब रामलला को वह आजाद देखना चाहते हैं।
- छह दिसंबर को काला दिवस जैसे किसी भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
- हाशिम ने कहा था, “मुकदमा हम लड़ें और राजनीति का फायदा आजम खान उठाएं।
- इसलिए मैं अब बाबरी मस्जिद मुकदमे की पैरवी नहीं करूंगा। इसकी पैरवी आजम खान करें।
- हालांकि बाद में बाबरी एक्शन कमिटी के संयोजक जफरयाब जिलानी के मनाने पर वे मुकदमे की पैरवी करने लगे थे।
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