भाजपा के साथ सरकार में शामिल होने के बाद भी बयानबाजी कर चर्चा में रहने वाले उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने एक बार फिर बीजेपी सहित सभी दलों पर निशाना साधा। समाजवादी पार्टी के गढ़ इटावा पहुंचे राजभर ने मीडिया से बातचीत में बताया कि ये अब सपा का गढ़ नहीं रह गया है। साथ ही शिवपाल सिंह यादव पर टिप्पणी करते हुए बड़ा बयान दे दिया है।
सपा का गढ़ नहीं है इटावा :
समाजवादी पार्टी के गढ़ इटावा पहुंचे राजभर ने कहा कि गढ़ किसी पार्टी का नहीं होता है बल्कि उसके नेता का होता है। उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव व अखिलेश यादव पूरे प्रदेश के नेता हैं इसीलिए सिर्फ उन्हें इटावा का नहीं कहना चाहिए। अखिलेश यादव अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं और वे प्रदेश के नेता हैं। वहीँ सपा-बसपा गठबंधन पर उन्होंने कहा कि पहले भाजपा सपा-बसपा से डरती थी। अब सपा-बसपा भाजपा के डर से गठबंधन करना चाह रहे हैं। अंत में उन्होंने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में हम बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे और पिछड़ों-दलितों की आवाज बुलंद करेंगे।
चुनाव में याद आते मंदिर-मस्जिद :
वहीँ मंदिर-मस्जिद मुद्दे को लेकर राजभर ने कहा कि चुनाव के पास आते ही सभी पार्टियों को मंदिर-मस्जिद के मुद्दा याद आने लगता है। चुनाव होते ही मुद्दा गायब हो जाता है। हमारी आस्था संविधान में है। मामला कोर्ट में है, फैसले का इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई लोगों के भाषण सुने हैं जिससे ऐसा लगता है कि वे अपना क्षेत्र झोले में रखते हैं। कोई भी नेता अनुसूचित जाति के लोगों से यह नहीं कहता कि सड़क के लिए, अपने रोजगार या फिर शिक्षा के लिए संघर्ष करो। अनुसूचित जाति के लोग आज भी काफी पिछड़े हुए हैं।
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