सुप्रीमकोर्ट का आदेश आने के बाद यूपी के पूर्व तमाम पूर्व सीएम को अपना सरकारी बंगला खाली करना पड़ा है। इसके बाद सबसे पहले राजनाथ सिंह और कल्याण सिंह ने अपना सरकारी बँगला खाली कर दिया था। इसके बाद मायावती, मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव ने बँगला खाली किया था। बँगला खाली करने के बाद अखिलेश यादव पर आरोप लगाया गया कि वे अपने साथ बाथरूम की टोटियां भी ले गए थे। हालाँकि अखिलेश यादव हमेशा इस आरोप को नकारते रहे और यही कहते रहे कि जो चीज मेरी थी, सिर्फ वही ले गया हूँ। अब अखिलेश यादव के समर्थन में योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री खुद उतर आये हैं जिसके बाद नयी चर्चाएँ शुरू हो गयी हैं।
ओपी राजभर ने किया बचाव :
सरकार पर हमलावर रहने वाले और अपने विवादित बयानों को लेकर मीडिया की सुर्खियाँ बटोरने वाले सुभासपा के अध्यक्ष और यूपी के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने अखिलेश यादव के बंगले को लेकर जारी विवाद में अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है। उन्होंने कहा कि ये सब सिर्फ अखिलेश यादव को बदनाम करने की साजिश है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी कितना बड़ा नेता हो, वह बंगला खाली करते समय तोड़फोड़ और सामान उखाड़ कर ले जाने की हरकत नहीं करेगा। जयपुर की अपनी यात्रा के बाद ओमप्रकाश राजभर तीन दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे थे। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा अखिलेश यादव को क्लीन चिट दे दी। विवाद में मुख्यमंत्री के ओएसडी और प्रमुख सचिव का नाम आने पर उन्होंने कहा कि मामला पूर्व और वर्तमान सीएम से जुड़ा है और वे ही इसकी सच्चाई बता सकते हैं।
महागठबंधन में शामिल होने से किया इंकार :
एक सवाल के जवाब में ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वह अकेले ऐसे व्यक्ति हैं जो सच बोलने का साहस रखते हैं। हालांकि उन्होंने अपनी पार्टी के महागठबंधन में शामिल होने से साफ इंकार करते हुए कहा कि अखिलेश या मायावती उन्हें चाय के लिए बुलाते हैं तो इसमें गलत क्या है ? उन्होंने हंसते हुए कहा, ‘फ्री में अगर चाय मिले तो क्या दिक्कत है।‘ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने पिछले दिनों बीजेपी के साथ अपने मतभेद की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि वह साल 2024 तक बीजेपी के साथ गठबंधन के साझेदार रहेंगे।