एलडीए के बाबुओं का बड़ा खेल सामने आया है, जिसमें एलडीए के रेंट अनुभाग की करीब 150 फाईलें गायब हो गई है। जिसमें हजरतगंज की बेशकीमती संपतियों की भी फाईलें हैं। बता दें कि इन फाइलों में गांधी आश्रम और सूचना विभाग की भी फाईलें है जो अब नहीं मिल रही है। इसमें 1900 से भी ज्यादा किराए की संपतियां हैं। प्राधिकरण के ओएसडी और रेंट विभाग के प्रभारी राजीव कुमार ने बताया कि रिकार्ड में फाइलों की तलाश की गई है। हालांकि, अब तक इन फाइलों को निकाला नहीं जा सका है। करीब 10 साल पहले हजरतगंज की गांधी आश्रम और दूसरी सम्पतियों की फाइलों को रिकार्ड में चढ़ा हुआ पाया गया है, जिससे सम्पतियों का सत्यापन कराया जा सके।
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1900 संपतियों का वसूला जाता है किराया
जानकारी के मुताबिक एलडीए से अरबों की सम्पत्ति का ब्यौरा गुम हो गया है। जिसमें 1900 सम्पतियों का किराया हर महीने वसूला जाता है। वहीं इनके फाइल निजी कंपनियों के पास थे, जहां उनका भी रिकार्ड खंगाला जा रहा है। बता कि हजरतगंज की बेशकीमती संपतियों की भी फाईलें गायब हैं। वहीं इन फाइलों में गांधी आश्रम और सूचना विभाग की भी फाईलें है जो अब लापता है।
10 मार्च से एलडीए लगाएगा कैंप
ओएसडी राजीव कुमार का कहना है कि एलडीए अपने किराए को अपडेट कराने के लिए आवंटियों को मौका देगी। इसके लिए 10 मार्च से कैंप लगाकर 25 मार्च तक लालबाग स्थित कार्यालय पर किया जाएगा।
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निजी कंपनियों को फाइलें देना गलत
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि रेंट की फाइलों को स्कैनिंग के लिए निजी कंपनी को दिया गया था। जिसके बाद उन फाइलों को उनके वेयर हाउस में रखने का गलत फैसला दे दिया गया। कहा कि पूर्व वीसी सत्येन्द्र सिंह के आदेश पर ही फाइलें दी गई थी। इन फाइलोें की जरूरत हर महीने होती है और निजी कंपनियां इन फाइलों को तत्काल उपलब्ध नहीं करा पाती है। अतः निजी कंपनी को फाइल वेयर हाउस में देने का फैसला ही गलत था।