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मृत कर्मचारियों के परिजनों को एक-एक लाख के मुआवजे का मरहम

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लखनऊ के विभूतिखंड क्षेत्र के विक्रांतखंड स्थित रंजीस होटल की बेसमेंट में शुक्रवार की रात सो रहे विकासनगर निवासी पेंटर कारीगर 31 वर्षीय रामनेरश, इस्माइलगंज निवासी बिजली कारीगर राजकुमार, गोमतीनगर के विशालखंड निवासी 24 वर्षीय मो. सईद व इंदिरानगर के चांदन निवासी 32 वर्षीय नेहाल की संदिग्ध हालात में मौत हो गई। चारों का शव शनिवार की सुबह मिलने से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।

सूचना पाकर मौके पर पहुंचे मृतकों के परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और लोहिया अस्पताल से शवों को पोस्टमार्टम भेजने के लिए मना कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारी उन्हें समझाने का प्रयास किया, लेकिन उनकी नाराजगी के आगे बेबस रहे। परिजनों का आरोप है कि उन्हें मार दिया गया है, जबकि प्रशासनिक अफसर दम घुटने से मौत होने की बात बता रहे है। वहीं गुस्साये परिजन होटल मालिक के खिलाफ कार्रवाई व मुआवजा दिए जाने की मांग कर रहे थे।

प्रदर्शन के बाद मिला मृतक के परिजनों को मुआवजा

सीओ गोमतीनगर दीपक कुमार सिंह के मुताबिक, प्रशासनिक अफसरों के आने के बाद नाराज मृतक के परिजनों को होटल मालिक रंजीस सिंह ने एक-एक लाख रूपए का चेक दिया। उनका कहना है कि देर शाम तक किसी तरह की तहरीर नहीं मिली थी अगर मिली तो आगे की कार्रवाई की जायेगी।

अधिकारियों पर फूटा गुस्सा

होटल रंजीस में चार लोगों की हुई मौत के बाद लोहिया अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मृतक के परिजनों व उनके करीबियों का गुस्सा पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों पर फूटा। गुस्से से आग बबुला महिलाएं भी पुलिसकर्मियों से भिड़ गईं। उनका गुस्सा देख पुलिस वाले एक कदम आगे बढऩे के बजाए पीछ हटते नजर आ रहे थे। जैसे ही पुलिस शवों को पोस्टमार्टम के लिए लाश वाहन मंगवाया तो मानों उनका गुस्सा इस कदर फूट गया कि वाहन को घेर लिए और तोडफ़ोड़ करने की कोशिश की, लेकिन कुछ लोगों के कहने पर वह पीछे हटे।

आंख खुलते ही परिजनों के ऊपर टूटा कहर का पहाड़

मृतकों के घरवाले बेखबर थे कि वह लोग काम करके सो रहे होंगे, लेकिन शनिवार की सुबह आंखते उन्हें सूचना मिली कि रंजीश होटल में काम करने वाले चारों लोग अब दुनियां में नहीं है। यह सुनते ही मानों उनके ऊपर कहर का पहाड़ टूट पड़ा और मौके पर पहुंचने के लिए दौड़ पड़े। इस हादसे में पति गंवा देने वाली नीलम ने कुछ इस तरह बताया कि उसके दो बच्चे हैं पति कमाकर लाते थे तो घर का खर्चा चलता था। यह कहते ही वह बदहवास हो जाती थी और उसे कोस रही थी, जिसने रात में काम कराने के लिए रोका था। इसी तरह राजकुमार की पत्नी पिंकी के अलावा नेहाल व सईद के घरवाले बिलख रहे थे।

दम घुटने से या फिर हत्या?

रामनेरश, राजकुमार, नेहाल व सईद की हत्या हुई या फिर सोते समय दम घुटने से मौत हुई? हालांकि किसी भी होटल में अंगेठी या फिर हीटर चलना प्रतिबंध है लेकिन इसके बावजूद होटल रंजीश में इस्तेमाल किया जा रहा था। इससे यही लग रहा है कि संबंधित विभाग की बेहद लापरवाही है, जिससे पल भर में ही चार परिवार का सहारा छीन गया। चारों लोगों की संदिग्ध हालात में हुई मौत पर तरह-तरह की चर्चांएं हो रही थी तो बेसमेंट में क्यों गए थे सोने?

हर चेहरे पर दहशत, हर जुबान पर ताला

सूत्र बताते हैं कि रंजीश होटल मालिक रंजीश सिंह ही नहीं राजधानी में कई ऐसे रसूखवाले होटल मालिक हैं जो कारीगरों व मजदूरों को बंधक बनाकर काम करवाते हैं और उनकी धौंस के आगे उनकी और उनके घरवालों के चहरे पर दहशत के साथ उनकी जुबान पर ताला जड़ दिया जाता है। कुछ ऐसा ही मसला होटल रंजीस में हुई घटना के बाद से निकल कर सामने आ रही है। वहीं लोगों की जुबान बंद कराने के लिए फिलहाल संबधित विभाग के अधिकारियों ने एक-एक लाख रूपए दिलवाकर मौत का सौदा करा कर अपना पीछा छुड़ा लिया है,लेकिन उनके दिल से कोई पूछे जिसके घर में मातम छाया हुआ है।

मासूमों के सिर से उठ गया पिता का साया

रामनेरश के दो बच्चे, राजकुमार के दो बच्चों व सईद के एक बेटा के सिर से पिता का साया छीन गया। पति की मौत के बाद उनके घरवाले भी मौके पर पहुंचे और चारों लोगों की दशा देख बेहाल होकर गिर पड़े। उनकी चीख-पुकार व विलाप सुनकर वहां पर मौजूद हर कोई अपने को रोक नहीं सका।

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