ट्रेनों और स्टेशनों पर आए दिन चोरी और लूट सहित कई तरह की घटनाएं होती रहती हैं। ऐसे में इन घटनाओं को ऑनलाइन दर्ज करने की व्यवस्था विभाग की ओर से की गयी थी। लेकिन इसे रेलवे अधिकारीयों का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि चोरी और लूट की इन घटनाओं की विवेचना अधर में लटक गयी है। जीआरपी के आधुनिकीकरण की सीसीटीएनएस योजना पर पूरी तरह अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका है।
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हुआ था आदेश
- ट्रेनों और स्टेशनों पर आए दिन चोरी और लूट सहित होने वाली तमाम घटनाओं को ऑनलाइन दर्ज करना था।
- रेलवे विभाग के अधिकारियों की ओर से पिछले दिनों ये आदेश जारी किया गया था।
- बावजूद इसके अभी तक इस योजना को पूरी तरह से अमली जमा नहीं पहनाया जा सका है।
- यही वजह है कि थानों पर ऑनलाइन व्यवस्था होने के बावजूद ऑफलाइन ही मामले दर्ज हो रहे हैं।
- जिसके चलते दूसरे जिलों की घटनाओं की विवेचना ही ट्रांसफर नहीं हो पा रही हैं।
- जीआरपी इंस्पेक्टर ने एसपी रेलवे को इसे लेकर एक पत्र भी लिखा है।
- जीआरपी के प्रदेश में सभी थानों को आधुनिकीकरण योजना के तहत आन लाइन किया जा रहा है।
- लेकिन कई थानों पर अब भी किसी घटना होने पर उसका मामला आन लाइन दर्ज ही नहीं हो रहा है।
- लखनऊ अनुभाग में भी कई ऐसे जीआरपी थाना और पोस्ट हैं जहां अब भी आफ लाइन तरीके से ही मामले दर्ज हो रहे हैं।
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- ऐसे में किसी घटना के बाद उनकी विवेचना को संबंधित थाने और पोस्ट पर स्थानांतरित करने में अब भी लंबा वक्त लग रहा है।
- लखनऊ के यात्रियों के साथ पिछले दिनों हुई कई घटनाओं की विवेचना यहां वापस भेजने में एक से डेढ़ महीने का समय लग गया।
- जबकि इस बीच फरियादी जीआरपी थाने के चक्कर काटकर परेशान भी हो रहे हैं।
- पिछले दिनों कई भुक्तभोगियों ने इसकी शिकायत भी जीआरपी इंस्पेक्टर यूपी सिंह से की थी।
- इंस्पेक्टर ने एसपी रेलवे सौमित्र यादव को पत्र लिखकर अनुभाग में आन लाइन एफआइआर दर्ज कराने की मांग की है।
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