उत्तर प्रदेश में जल्द ही ऑनलाइन शापिंग महंगी हो जाएगी। बुधवार को विधानसभा में प्रवेश कर संशोधन विधेयक-2016 पारित हो गया है। जिसके तहत ई-कामर्स के माध्यम से राज्य में आने वाली वस्तुओं पर 5 प्रतिशत प्रवेश कर लगाया जाएगा। विधेयक के विधानसभा में पारित हो चुका है और विधान परिषद से पारित होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी के साथ लागू हो जाएगा।
- पिछले दिनों सीएम की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में संशोधन विधेयक को मंजूरी मिली थी।
- जिसके बाद मंलवार को विधेयक कैबिनेट में पेश किया गया।
- बुधवार को बिना किसी आपत्ति के विधानसभा में विधेयक पारित हो गया।
- इसके तहत ई-कामर्स कंपनियां, माल के परिवहनकर्ता, कोरियर, लाजिस्टिक कंपनियां आदि को अधिनियम के दायरे में लाया जाएगा।
- अधिनियम के तहत इनसे माल पर प्रवेश कर वसूलने की व्यवस्था की जा रही है।
- उम्मीद की जा रही है कि 29 अगस्त को प्रवेश कर संसोधन विधेयक विधानसभा में भी पारित हो जाएगा।
- जिसके बाद संशोधन विधेयक को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा।
- राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद सरकार ऑनलाइन शापिंग से मंगाए जाने वाले माल पर पांच फीसद प्रवेश कर वसूलने लगेगी।
जल्दी करें ऑनलाइन शापिंग होने जा रही है महंगी!
राज्य में हो रही 12 हजार करोड़ की ऑनलाइन शापिंगः
- फिलहाल, ई-कामर्स के जरिए दूसरे राज्यों से मंगाए जाने वाले सामान पर किसी तरह का टैक्स वसूलने का अधिकार राज्य सरकार के पास नहीं है।
- वाणिज्य कर अधिकारियों के मुताबिक, वर्तमान में राज्य में तकरीबन 12 हजार करोड़ रुपये की ऑनलाइन शापिंग हो रही है।
- जिसमें अगले चार सालों में चार गुना तक का इजाफा हो सकता है।
- मोबाइल से लेकर इलेक्ट्रानिक उपकरण, कपड़े आदि अपेक्षाकृत सस्ते होने से ई-कामर्स का इस्तेमाल दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है।
- ऐसे में राज्य सरकार ने ई-कामर्स के माध्यम से मंगाए जाने वाले माल पर टैक्स वसूलने के लिए प्रवेश पर कर अधिनियम-2007 में संशोधन करने का फैसला किया है।
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