अमेठी में विकास के दावों की खुली पोल,पंचायत भवन में रहने को मजबूर एक परिवार
- राहुल-स्मृति के विकास के दावों की खुली पोल, कई वर्षों से पंचायत भवन में रहने को मजबूर एक परिवार ।
- अमेठी:पुरानी बीपीएल सूची में नाम नहीं..
- आवास के लिए पात्रता भी है लेकिन प्रधानमंत्री आवास नहीं मिला
- ऐसे में मजबूर परिवार ने गांव के पंचायत घर को ही अपना आशियाना बना लिया
- सबको परिवार की मजबूरी पर तरस तो आता है
- लेकिन अभी तक मजबूर परिवार को छत नहीं नसीब हुई इसका जबाब किसी जिम्मेदार के पास नहीं है।
- दरअसल ये मामला अमेठी जिले के मुसफिरखाना विकास खण्ड के ग्राम पंचायत पलिया चन्दापुर का है
- जहाँ गाँव में बने पंचायतघर में वर्षों से गुजर बसर कर रहे परिवार का दर्द बिलकुल जुदा है
- अपनों ने ही जब उसके घर संपत्ति पर कब्ज़ा कर परिवार को बेघर कर दिया
- तो मजबूर परिवार आखिर कहाँ जाए पंचायतघर को ही अपना आशियाना बना लेनी वाली गीता
- पत्नी उदयराज का कहना है कि उनके पटीदार ने उसके घर पर कब्ज़ा कर अपना पक्का मकान बना लिया
- और उसे बेघर कर दिया गांव की पंचायत के बाद भी जब बात नहीं बनी तो पहले खुले आसमान के नीचे पति
- और दुधमुहे बच्चे अमरनाथ के साथ गुजारा करना शुरू किया
- जब छत को कोई इंतजाम नहीं हुआ तो थकहार कर पंचायतघर को ही अपना घर बना लिया
- हर आने जाने वाले से गीता और उसके पति उदयराज अपने लिए आवास का जुगाड़ करने की दरख्वास्त करती है
- बेसहारा परिवार का कहना है कि मजदूरी करके पेट तो पाल लेते हैं
- लेकिन आवास बना पाना उसकी कूबत में नहीं है।
- पटीदार ने उसके घर पर कब्ज़ा कर अपना पक्का मकान बना लिया
- और उसे बेघर कर दिया जब छत को कोई इंतजाम नहीं हुआ तो थकहार कर पंचायतघर को ही अपना घर बना लिया ।
रघुनाथ यादव (प्रधान-पलिया चंदापुर)
- परिवार का नाम बीपीएल सूची में न होने से उसे प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास नहीं मिल पा रहा है
- हालांकि उसका नाम भेजा गया है लेकिन जब तक आवास नहीं मिलता
- तब तक बेसहारा परिवार को पंचायतघर से हटा पाना मानवीय दृष्टिकोण से संभव नहीं हो पा रहा है।
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