Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

यूपी के लड़के ‘बहनजी’ के साथ मिलकर बीजेपी से करना चाहते हैं मुकाबला

opposition party meeting

समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों लखनऊ में संपूर्ण विपक्ष को एक करने की कोशिश की थी लेकिन उस बैठक से बसपा ने दूरी बनाये रखी, वहीँ कांग्रेस ने भी EVM से चुनाव न कराने के मुद्दे पर अखिलेश का साथ नहीं दिया और उसने भी दूरी बना ली. वैसे बैठक का न्यौता सभी विपक्षी दलों को अखिलेश यादव की तरफ से भेजा गया था. बैठक में गोरखपुर, फूलपुर लोकसभा उपचुनाव को लेकर भी चर्चा हुई थी और साथ ही ये भी कहा गया कि आगामी चुनाव बैलेट पेपर से हो ताकि गड़बड़ी न हो. उस बैठक का नतीजा न निकलने के बाद एक बार फिर कांग्रेस ने विपक्षी दलों को एक मंच देने की कोशिश की है.

अखिलेश के बाद अब राहुल ने की कोशिशें तेज

विपक्ष के साथ बैठक में बैलेट पेपर से लोकसभा उपचुनाव कराये जाने पर सहमति बनाई जाएगी. लोकसभा के उपचुनाव गोरखपुर और फूलपुर में होने हैं. इसके लिए भी रणनीति बनाई जाएगी जबकि EVM को लेकर आम सहमति बनने पर चुनाव आयोग का दरवाजा खटखटाए जाने की पूरी उम्मीद है. हाल में संपन्न हुए गुजरात चुनाव और यूपी के निकाय चुनाव के बाद सपा ने EVM से चुनाव पर आपत्ति जाहिर की है. EVM में गड़बड़ी के आरोपों को हालाँकि चुनाव आयोग ने सिरे से ख़ारिज कर दिया था.

 

यूपी के लड़के मायावती को लाना चाहते हैं साथ

कांग्रेस ने सभी विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने की कोशिश की है और इसका उद्देश्य बीजेपी के विस्तार को रोकना है. वहीँ विपक्ष एक विकल्प की तैयारी में जुटा है ताकि बीजेपी को कमजोर किया जाये और क्षेत्रीय दलों के साथ गठबंधन कर नयी रणनीति के साथ चुनावी मैदान में उतरा जाये. फ़िलहाल बसपा इसको गंभीरता से न लेते हुए मौन साधे हुए है. हालाँकि समय-समय पर मायावती ने ये जरुर कहा है कि वो अकेले ही चुनाव लड़ने में सक्षम हैं ऐसे में यूपी के लड़कों को बहनजी का साथ कैसे मिलेगा ये देखने वाली बात होगी.

बसपा ने बनाई है दूरी:

कांग्रेस की कोशिशों को एक बार फिर झटका लगा है और बसपा का कोई प्रतिनिधि इस बैठक में नहीं पहुंचा था. राहुल गाँधी की कोशिश सपा और बसपा को साथ लेकर यूपी में लोकसभा चुनाव लड़ने की है ताकि बीजेपी को कड़ी चुनौती दी जा सके. बैठक में समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव और नरेश अग्रवाल जैसे बड़े नेता तो पहुंचे थे लेकिन बीएसपी का कोई प्रतिनिधि नहीं था. यूपी में एसपी-बीएसपी जब तक साथ नहीं आती तब तक मोर्चा सफल नहीं हो पाएगा. लेकिन एसपी और बीएसपी नेताओं की आपसी दुश्मनी जगजाहिर है. दोनों पार्टियां साथ आने को लेकर राजी नहीं दिखती.

एक साथ आने पर बीजेपी के लिए हो सकती है मुसीबत:

अगर इस प्रकार का कोई भी गठबंधन यूपी में संभव हुआ तो वोट प्रतिशत को देखते हुए बीजेपी के लिए 2019 चुनाव की राह कम से कम यूपी में आसान तो नहीं होने वाली है.हाल ही में संपन्न हुए निकाय चुनाव में सपा और कांग्रेस को 16 नगर निगम की सीटों पर मुंह की खानी पड़ी थी. बीजेपी ने भी चुनाव की तैयारियां शुरू कर दी हैं.

सीएम योगी के साथ शाह-पीएम मोदी से बीजेपी को उम्मीदें

हालाँकि बीजेपी को अमित शाह और प्रधानमंत्री मोदी की रणनीति पर भरोसा है तो वहीँ सीएम योगी के रूप में एक बड़ा चेहरा पार्टी के पास है. सीएम योगी अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार करते दिखाई दे रहे हैं. गुजरात और कर्णाटक में प्रचार करने वाले सीएम योगी की छवि में पिछले कुछ महीनों में तेजी से बदलाव आया है और वो एक लोकप्रिय राष्ट्रीय नेता के रूप में अपनी पहचान बनाने में कामयाब होते दिखाई दे रहे हैं. ऐसे में पार्टी को उम्मीद है कि सीएम योगी के साथ अमित शाह और पीएम मोदी की तिकड़ी यूपी में पकड़ ढ़ीली होने जैसी स्थिति बनने नहीं देगी.

 

Related posts

प्रयागराज : मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के विवादास्पद बयान का मामला

UP ORG DESK
6 years ago

आरएसएस प्रमुख अपने दो दिवसीय दौरे के लिए आज पहुंचेंगे लखनऊ, सूबे की राजनीति में हलचल संभव!

Divyang Dixit
9 years ago

आगरा :-देश का पहला दिव्यांगजन फ्रेंडली स्टेशन बना आगरा कैंट

Desk
2 years ago
Exit mobile version