नर्क की जिंदगी जीने को मजबूर है ग्रामीण जनता
- उत्तर प्रदेश के जनपद जौनपुर के बरसठी में वैसे तो बारिश के दिनों में सफाई व्यवस्था की पोल खुल जाती है किंतु यह व्यवस्था इस समय ग्रामीण इलाके में बद से बदतर स्थिति में है।
- जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण गांवों में इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है। नतीजन जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया हैं। क्योंकि हाल में ही प्रमुख अर्चना यादव व पूर्व मंत्री / विधायक के आदेश के बाद भी गांवों में इससे निपटने की दिशा में धरातल पर कोई काम नहीं हुआ दिख रहा हैं। इससे अब तो यह कहना गलत नहीं होगा कि गांवों में दवाओं का छिड़काव बीते जमाने की बात हो चुकी है।
- सूबे में केंद्र व राज्य की सरकार गांवों को स्वच्छ व स्वस्थ रखने के लिए अत्यधिक जोर दे रही है। ग्राम पंचायत स्तर पर सफाई कर्मचारियों की तैनाती की गई है, इनसे काम लेने के नियम भी बनाया, ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चला रही है लेकिन इसका असर बरसठी में नहीं दिख रहा है।
उपलब्ध कराई गई दवाओं को भी न डालने के आरोप
- क्षेत्र के लगभग एक तिहाई से ज्यादा गांवों में गंदगी के कारण दिक्कतें दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। जल निकासी, सफाई और रोगों से बचाव के लिए दवाओं के छिड़काव कराने की भी जिम्मेदारी दी गई है।
- साथ ही इसके लिए बकायदा ग्राम स्वच्छता समिति तक का गठन किया गया है।
- इसमें प्रधान को अध्यक्ष तो एएनएम को उपाध्यक्ष बनाया है जबकि इस समिति में कई सदस्य भी बनाए गए हैं।
- इन्हें स्वच्छता से संबंधित कार्य के लिए हर वर्ष दस हजार रुपये का बजट दिया जा रहा है। लेकिन यह कार्य केवल कागजों तक सीमित होकर रह गया है। नतीजन जल जनित बीमारियों का खतरा बढ़ गया है।
- यही नहीं स्वास्थ्य विभाग द्वारा एएनएम को गांवों के कुओ, हैंडपम्पो में डालने के लिए उपलब्ध कराई गई दवाओं को भी न डालने के आरोप लग रहे हैं।
- इधर बरसात के मौसम में जल भराव, खुले में शौच, कीचड़ युक्त गंदे रास्ते आदि के चलते डायरिया, फ्लू, वायरल फीवर, डेंगू, चिकन पाक्स के साथ ही अन्य मक्खी-मच्छर जनित बीमारियों की सैलाब आ जाती है। पहले गांवों में दवाओं का छिड़काव, दवा आदि का वितरण नियमित किया जाता रहा, लेकिन अब यह सारे रोग फैलने से पूर्व किए जाने वाले उपाय बीते जमाने की बात हो गई है।
स्वच्छता पर ध्यान न देने से पानी हो रहा प्रदूषित
- अपने आस – पास,साफ -सफाई का ध्यान न रखने से पानी प्रदूषित होता है। प्रदूषित पानी यानी जिसमें गंदगी की वजह से सूक्ष्म जीव पैदा होने लगते हैं। बीमारियों और खराब स्वास्थ्य का सीधा संबंध गंदे पानी, सफाई अभाव से है।
- गंदे पानी और गंदगी से डायरिया, टाइफाइड, पाराटाइफाइड, बुखार, हेपेटाइटिस ए, हेपेटाइटिस ई और एफ, फ्लूरोसिस, आर्सेनिक जनित बीमारी जैसी बीमारियां होती हैं।
- इतना ही नहीं लेजिनोलिसिस,मेथमोग्लोनीमोमिया,सटोसोमिएस, आंत का संक्रमण, डेंगू, मलेरिया, जापानी इंसेफलाइटिस, वेस्टनील वायरस संक्रमण, येलो फीवर और इम्पेटिगो यानी त्वचा से संबंधित बीमारी भी हो सकती है।
- इस संबंध में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बरसठी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ अजय सिंह से पूछा गया तो उन्होंने कहा की, दवाओं के छिड़काव कराने और लोगों को जागरुक करने का निर्देश हमेशा दिया जाता है। दवाओं के छिड़काव का कार्य चालू है। कार्य क्षेत्र लम्बा होने की वजह से समय लग रहा है।
[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”उत्तरप्रदेश की स्थानीय ख़बरें” background=”” border=”” thumbright=”no” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”up_news_categories” orderby=”date”]