उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित राजभवन में अभिनन्दन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जिसके तहत अभिनन्दन कार्यक्रम में सूबे के उन लोगों को सम्मानित किया गया, जिन्हें केंद्र सरकार द्वारा पद्म विभूषण(padma vibhushan) से सम्मानित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल राम नाईक और भाजपा के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने शिरकत की थी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुरली मनोहर जोशी ने कार्यक्रम का संबोधन भी किया।
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अभिनन्दन समारोह में मुरली मनोहर जोशी के संबोधन के मुख्य अंश(padma vibhushan):
पद्म अलंकरण से सिर्फ मानसिक संतोष(padma vibhushan):
- पद्म पुरस्कारों में इस बार यूपी का महत्व देखने को मिला।
- 5 में से 3 पुरस्कार वाराणसी से संबंधित लोगों को दिया गया।
- पद्म अलंकरण से सिर्फ मानसिक संतोष मिलता है और कोई खास लाभ और सुविधाएं नही।
- लेकिन मानसिक संतोष इन सबसे से बड़ा है।
- पद्म अलंकरण को नाम के आगे नही लगा सकते।
- ज्यादा से ज्यादा दीवार पर लगा सकते हैं कभी कभी खास मौकों पर कोट पर लगा सकते हैं।
- कम प्रतिभा नही है लोगों में।
- कभी कभी प्रतिभा को जुगाड़ कहते हैं लोग, जुगाड़ से बहुत कुछ होता है।
- जुगाड़ भी एक समय में अविष्कार बन जाता है।
अभिनन्दन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संबोधन के मुख्य अंश(padma vibhushan):
- पद्म विभूषण सम्मान से सम्मानित विभूतियों को दी बधाई।
- यूपी के विभूतियों को राजभवन में सम्मनित किया जा रहा है।
- प्रदेश स्वयं में सम्मानित महसूस कर रहा है।
- जिन विभूतियों को पद्म पुरुस्कार मिले उनमें से चार वाराणसी से है।
- डॉ० जोशी जी के योगदान के बारे में देश का हर व्यक्ति याद करता है
- इस साल से हर वर्ष 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाएगा।
- ये एक प्रयास होगा जब उत्तर प्रदेश को एक नयी पहचान देने का प्रयास करेंगे।
अभिनन्दन समारोह में राज्यपाल राम नाईक के संबोधन के मुख्य अंश(padma vibhushan):
- जिन लोगो को समानित किया गया उन्हें अपने नाम के आगे या पत्र में पद्म या पद्मश्री नही लगाना है।
- ये राष्ट्रपति जी ने इनको बताया है पर मेरे पास इसका GR नही मिला है।
- आज जिनको भी सम्मानित किया गया है उन्होंने अपने क्षेत्र में कुछ न कुछ किया है और इससे लोगो को प्रेरणा मिलेगी।
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