2019 के लोकसभा चुनावों के पहले हुए उपचुनावों के नतीजे काफी हैरान कर देने वाले थे। गोरखपुर के उपचुनाव में जहाँ मठ के हाथ से सालों बाद जिले की लोकसभा सीट निकली और सीएम योगी चुनाव हार गये वहीँ फूलपुर लोकसभा सीट से सांसद रहे डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भी अपनी सीट से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इसके बाद कैराना और नूरपुर में भी भाजपा को मुंह की कहानी पड़ी थी। अब लोकसभा चुनावों के पहले एक बार फिर से उपचुनावों का ऐलान हो गया है जिसमें सपा-बसपा का गठबंधन भाजपा के होश उड़ाने के लिये काफी है।
पंचायती उपचुनाव का हुआ ऐलान :
स्वतंत्रता दिवस के बाद 17 अगस्त को कानपुर में पंचायत उप-चुनाव के लिए वोटिंग होगी और 20 अगस्त को मतगणना होगी जिसके नतीजे देर शाम तक सभी के सामने होंगे। 17 अगस्त को कानपुर में 2 स्थानों पर ग्राम प्रधानों का उपचुनाव होना है, जबकि छह स्थानों पर पंचायत सदस्यों का चुनाव होगा। ग्राम प्रधान के दोनों रिक्त पदों के लिए सपा-बसपा में बराबरी का समझौता किया है। एक स्थान पर सपा समर्थित प्रत्याशी मैदान में उतरेगा, जबकि दूसरे स्थान पर बसपा समर्थित उम्मीदवार होगा। लोकसभा चुनावों के पहले एक बार फिर से सपा और बसपा की एकता हमें देखने को मिल सकती है।
3 अगस्त से शुरू होगा नामांकन :
राज्य निर्वाचन आयुक्त के आदेश पर यूपी के समस्त जिलों के जिलाधिकारियों ने उपचुनावों की अधिसूचना को जारी कर दिया है। उपचुनाव की प्रक्रिया में 3 अगस्त से नामांकन पत्र का वितरण शुरू होगा और नामांकन प्रक्रिया भी शुरू होगी। नामांकन 3 अगस्त से शुरू होकर 8 अगस्त तक होगा। जिस ब्लाक क्षेत्र में उपचुनाव होगा, वहां संबंधित ब्लॉकों में नामांकन पत्र मिलेगा और नामांकन वहीँ होगा। 9 अगस्त को नामांकन पत्रों की जांच होगी और 10 अगस्त को नाम वापसी की अंतिम तिथि होगी। मतदान 17 अगस्त को तथा मतगणना 20 अगस्त को होगी।