पंचायत सचिव व राजेश कर्मियों ने ऐसा खेल खेला कि चार दशक बाद इकलौते पुत्र को दो भाई दिखाकर चल अचल संपत्ति में मालिक बना दिया ।
क्या है पूरा प्रकरण-
दरअसल ये मामला हैदरगढ़ के सोइना मजरे रोहना मीरापुर गांव का है| गांव निवासी दरगाही उर्फ मुन्ना खान के इकलौते पुत्र नईम खान हैं जिनका नाम परिवार रजिस्टर नकल से लगाकर सभी सरकारी अभिलेखों में दरगाही पुत्र के नाम से दर्ज है|
बीती 21 जनवरी 2016 को एक सड़क दुर्घटना में दरगाही ही की मौत हो गई|
दरगाही एक हेक्टेयर से अधिक बेशकीमती भूमि के अतिरिक्त चल अचल संपत्ति के मालिक रहे हैं।
फिर यहाँ से शुरू हुआ राजेश का खेल-
बस खेल यहीं से शुरू हो जाता है, मरने के चंद दिनों बाद ही पंचायत सचिव सहजराम शुक्ल ने जनपद अमेठी थाना कमरौली गांव रसूलपुर निवासी 37 वर्षीय मतीन को दरगाही का दूसरा पुत्र दिखाकर परिवार रजिस्टर नकल में नाम शामिल कर लिया| इसके बाद राजेश कर्मियों ने परिवार रजिस्टर नकल का सहारा लेकर अमेठी निवासी मतीन को दरगाह का दूसरा को दिखाकर खतौनी सहित सभी सरकारी अभिलेखों में नाम दर्ज करवा लिया ।
परिवार रजिस्टर में नहीं था मतीन का नाम-
खेत बिक्री की भनक लगी, खतौनी निकली तो असलियत सामने आई| पंचायत सचिव नईम को जरूरत पड़ने पर परिवार रजिस्टर नकल जारी किया था जिसमें पुत्र के तौर पर नईम ही थे मतीम नाम दर्ज नही दिखाया था ।
कोर्ट के आदेश के बाद दर्ज हुआ मामला-
जिसके बाद नईम न्याय पाने के लिये दर दर की ठोकरे खाता रहा लेकिन उसको न्याय देने के लिए कोई भी अधिकारी आगे नही आया थक हार नईम ने कोर्ट की शरण ली जिसके बाद कोर्ट ने धारा 156 (3) में मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया ।
लेखपाल व सचिव पर जान से मारने की धमकी देने का आरोप-
मामला कोर्ट में जाने के बाद विभाग में खलबली मच गई और नईम का आरोप है कि मामला फसता देख अब लेखपाल व पंचायत सचिव पीड़ित को जान से मारने की धमकी दे रहे यही नही आरोप है कि मामला चल अचल सम्पति से जुड़ा है इसलिये सुबेहा पुलिस भी नईम पर समझौते का दबाव बना रही है
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