भाजपा के लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सभी 6 क्षेत्रों के संगठन प्रभारियों में बदलाव किया है। प्रदेश महामंत्री और एमएलसी विजय बहादुर पाठक को पश्चिम और प्रदेश उपाध्यक्ष जेपीएस राठौर को अवध क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया गया। प्रदेश महामंत्री सलिल विश्नोई को प्रधानमंत्री मोदी के क्षेत्र काशी और पंकज सिंह को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क्षेत्र गोरखपुर में संगठन का प्रभारी नियुक्त किया गया है।
बता दें कि 21 अप्रैल को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की बैठक में संगठन के क्षेत्र प्रभारी बदलने का निर्णय किया गया था। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडेय ने पश्चिम में कैराना लोकसभा उपचुनाव और नूरपुर विधानसभा उपचुनाव को देखते हुए विजय बहादुर पाठक को पश्चिम का प्रभारी बनाया है। प्रदेश महामंत्री अशोक कटारिया को कानपुर, बुंदेलखंड क्षेत्र और प्रदेश महामंत्री गोविंद नारायण शुक्ला को ब्रज क्षेत्र में संगठन प्रभारी नियुक्त किया है। प्रदेश महामंत्री विद्यासागर सोनकर को महामंत्री मुख्यालय के पद पर बरकरार रखा गया है।
अनुसूचित समाज का दिल जीतने में सक्रिय सीएम योगी
भाजपा के कुछ अनुसूचित जाति सांसद भले केंद्र और प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोधी सुर अपनाए हैं लेकिन, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संगठन के लोग अनुसूचित समाज का दिल जीतने में सक्रिय हैं। इसके लिए संगठन से लेकर सरकारी स्तर पर लगातार कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। सामाजिक समीकरण मजबूत करने के लिए लगातार उपक्रम चल रहा है। प्रतापगढ़ में मुख्यमंत्री ने एक अनुसूचितों के घर भोजन कर अपनापन जताया जबकि उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य पहले ही इटावा में इस समाज के बीच भोजन कर और उनके दुख दर्द पर मरहम लगाकर लौटे थे। आंबेडकर जयंती से ही भाजपा इस वर्ग को जोडऩे के अभियान में जुटी है।
राज्य सरकार ने प्रदेश के 821 अनुसूचित जाति बहुल गांवों को ग्राम स्वराज अभियान के लिए चुना है। इस अभियान के तहत इन गांवों को 16 योजनाओं से आच्छादित किया जाना है। भाजपा के इस अभियान पर विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया भी हो रही है। खासतौर पर बसपा अध्यक्ष मायावती और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने निशाना साधा है। हालांकि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय ने पलटवार करते हुए कहा कि जो लोग खुद को दलितों का मसीहा बताते हैं और खुद अपनी मूर्ति लगवा दी हो, स्वयं की देवी के रूप में पूजा करवाकर पूजित होने लगी हों, उन्हें किसी टिप्पणी का हक नहीं है।