नाम- अब्दुल हमीद, जन्मतिथि – 1 जुलाई 1933, जिला- गाजीपुर, काम- पाकिस्तानी सेना के होड़ उड़ाना, सम्मान- परमवीर चक्र!
ये नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं. इस नाम को सुनकर आज भी पाकिस्तानी सेना के होश उड़ जाते हैं. भारत माँ के इस वीर सपूत ने 1965 के युद्ध में पाकिस्तान की सेना के दांत खट्टे कर दिए थे. अब्दुल हमीद के शौर्य की कहानी आज हर हिंदुस्तानी की जुबान पर रहती है.
जब जीप से उड़ाए थे पैटन टैंक:
- भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध हो रहा था.
- अमेरिका से मिले पैटन टैंकों के दम पर पाकिस्तान भारत को युद्ध में हराने के सपने देख रहा था.
- लेकिन जिस देश में अब्दुल हमीद जैसे वीर जवान हों, वहां दुश्मन केवल सपने ही देख सकता है.
- अब्दुल हमीद ने अपनी आरसीएल जीप से पाकिस्तान के पैटन टैंकों को उड़ाकर पाक खेमें में हलचल मचा दी थी.
- जीप की मदद से उन्होंने पैटन टैंकों को तबाह कर पाकिस्तान का मनोबल तोड़ दिया था.
10 सितम्बर को शहीद हुए अब्दुल हमीद:
- पाकिस्तान से भारतीय फ़ौज युद्ध मैदान में भिड़ रही थी.
- पैटन टैंकों के दम पर पाकिस्तान आगे बढ़ने की सोच रहा था.
- पाकिस्तान का इरादा अमृतसर तक पहुँचने का था.
- लेकिन भारतीय फ़ौज ने उन्हें रोक रखा था.
- 10 सितंबर की सुबह फायरिंग दनादन शुरू थी.
- 10 सितंबर तक हमीद ने पाकिस्तान के 7 पैटन टैंक तबाह कर दिया था.
- जीप पर टैंक का ट्रेसर राउंड लगने पर भी हमीद जीप से नहीं उतरे थे.
- बाकी साथी जीप से उतर गए, लेकिन हमीद नहीं उतरे वह गन को लोड करने में लग गए.
- तभी एक गोला आकर जीप पर और हमीद के साथ जीप दूर जा गिरी.
- हमीद का शरीर बुरी तरह जल गया था.
- हमीद ने देश की खातिर अपने प्राणों का बलिदान दिया था.
- आज भी हमीद की याद आते ही पैटन टैंकों को उड़ाने की दिलेरी सबकी जुबान पर रहती है.
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