वाराणसी में आज सोनेलाल पटेल की जयंती के मौके पर अपना दल के दो गुटो मे शक्ति प्रदर्शन की होड़ लगी हुई है। विडम्बना यह है कि ये दो गुट कोई और नहीं, एक सोनेलाल की पत्नी और दूसरी उनकी बेटी के हैं। अपना दल से सांसद अनुप्रिया पटेल आज जगतपुर पीजी कालेज में रैली आयोजित कर रहीं हैं। इस रैली के बाद ही अनुप्रिया पटेल की सियासी जमीन का निर्णय हो जाएगा, यही कारण है कि वे इस रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहीं हैं।
- मालूम हो कि अपना दल में कृष्णा पटेल और अनुप्रिया पटेल के बीच पहले ही घमासान मचा हुआ है। कुछ समय पहले कृष्णा पटेल ने संकेत दिये थे कि वह सपा के साथ जा सकती हैं।
- वहीं अनुप्रिया ने भाजपा के साथ कदम मिलाकर चलने का फैसला किया है, यूपी चुनाव में वह भाजपा के साथ मिलकर लड़ने को तैयार हैं।
- बताया जा रहा है कि अपना दल को लेकर पटेल समाज भी असमंजस में है, एक तरफ पार्टी के संस्थापक सोनेलाल की बेटी है तो दूसरी तरफ उनकी पत्नी।
- सूबे के विधानसभा चुनाव जीतने के लिए भाजपा को पिछड़ा वर्ग का सहयोग चाहिए होगा।
- भाजपा रणनीतिकारों को भी पता है कि यादव वोटों में भाजपा सेंधमारी कर नहीं सकती है क्योंकि यह सपा का परंपरागत वोट बैंक है।
- ऐसे में उसकी तरफ मौर्या और पटेल वोट ही बचता है, जिसे अपनी तरफ करने के लिए उसने पूरी ताकत लगा रखी है।
- सियासी गलियारों में चल रही चर्चाओं पर गौर करें तो अनुप्रिया पटेल को कैबिनेट में जगह देने की चर्चाएं जोरों पर हैं, ऐसे में इस रैली के मायने कई गुना बढ़ जाते हैं।
- इस रैली में जुटने वाली भीड़ से ही तय होगा कि अनुप्रिया की पटेल बिरादरी में पकड़ कितनी मजबूत है।
- अगर रैली में प्रभावशाली उपस्थिति नहीं दर्ज होती है तो भाजपा अनुप्रिया की शर्तों को दरकिनार कर देगी, और यदि अनुप्रिया भीड़ जुटाने में कामयाब रहती हैं तो भाजपा की राह आसान हो जाएगी।