आप ने आज तक महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ आवाज़ उठाने वाली संस्था के बारे में ही सुना होगा. लेकिन, क्या आपको पता है कि अपनी यूपी में एक ऐसी संस्था भी है जो पिछले दो साल से पीड़ित पुरुषों की आवाज़ बनकर उनकी मदद कर रही है.
पति परिवार समिति ने जारी किया पुरुष हेल्पलाइन नम्बर-
- उत्तर प्रदेश के हापुड़ जनपद में पति परिवार समिति लखनऊ द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया.
- इस कांफ्रेंस में जहाँ पुरुष पर हो रहे अत्याचार को लेकर लोगों को जागरूक किया गया.
- वहीं, सरकार से महिला सुरक्षा की तर्ज पर पुरुषों की सुरक्षा के लिए भी कानून बनाने की मांग की.
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- इसके साथ संस्था ने एक पुरुष हेल्पलाइन नम्बर 8882-498-498 भी जारी किया है.
- इसके जरिये कोई भी पीड़ित पुरुष कभी भी फोन कर सहायता प्राप्त कर सकता है.
- बताया जा रहा है कि ये संस्था पिछले दो वर्षों से पीड़ित पुरुषों की मदद कर रही है.
- आश्चर्य की बात यह है कि इस संस्था की अध्यक्षा महिला हैं.
- फिर भी वह पुरुषों के लिए काम कर रही हैं.
इन समस्याओं से जूझ रहे पुरुषों की मदद करती है ये संस्था-
- पति परिवार कल्याण समिति लखनऊ संस्था से जुड़े लोगों का कहना है आजकल महिलाएं पुरुषों को दहेज, रेप व छेड़छाड़ जैसे फर्जी केस लगाकर जेल भेजवा देती हैं.
- हमारी संस्था द्वारा ऐसे ही पीड़ित लोगों की मदद की जाती है.
- संस्था का कहना है कि फर्जी केस लगने के बाद पुरुषों में आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं.
- ऐसे में संस्था का कहना है कि हमें भारत की पहली पुरुष हेल्पलाइन के बारे में लोगों को जागरूक करना है.
महिलाओं के लिए 48 कानून जबकि पुरुषों के लिए एक भी नहीं-
- संस्था की अध्यक्षा डॉ. इंदु सुभाष ने बताया कि हमारे देश में महिलाओं के लिए सरकार ने करीब 48 कानून बनाये हुए हैं.
- उन्होंने कहा कि महिलाओं की अपेक्षा पुरुषों की सुरक्षा के लिए एक भी कानून नहीं है.
- उन्होंने कहा कि ऐसा नहींं है कि हर बार पुरुष ही दोषी होता है.
- मगर महिला व उनके परिजन द्वारा पुरुषों पर झूठे केस लगवा कर उन्हें जेल भेज दिया जाता है.
- उन्होंने बताया कि कई मामलों में महिला पुरुष के साथ ही नहीं रहना चाहती.
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- फिर भी पुरुष को ही क्रूर समझकर उसे जेल में डाल दिया जाता है.
- इतना ही नहीं निरपराधी पुरुष के परिजनों तक को प्रतारणा सहनी पड़ती है.
- इस कारण पुरुष आत्महत्या करने को मजबूर हो जाते हैं.
- इस दौरान उन्होंने पारिवारिक कलह के चलते बक्सर डीएम की आत्महत्या का उदाहरण भी दिया.
- उन्होंने बताया कि हमारी संस्था ने पिछले दो बरसों में सैंकड़ों पुरुषों को काउंसलिंग के जरिये आत्महत्या से रोका है.
पुरुषों के लिए भी बननी चाहिए सरकारी योजना-
- संस्था कि अध्यक्षा डॉ. इंदु सुभाष का कहना है के जिस तरह सरकार महिलाओं के कल्याण के लिए कई योजना चला रही है.
- वैसे पुरुषों के लिए भी सरकारी योजना बननी चाहिए.
- साथ थाने में भी महिलाओं की तरह पुरुषों के लिए भी डेस्क ऑफिसर तैनात रहना चाहिए.
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- उन्होंने कहा कि बहुत सी महिलायें पुरुषों पर दहेज के झूठे मुकदमे दर्ज कराती हैं.
- साथ ही महिला के परिजन कोर्ट में चीलाचीला कर बोलते है कि हमने शादी के दौरान दहेज में लाखो रुपए खर्च किये है.
- क्या कानून की नजर में वो दोषी नही हैं.
दहेज़ लेना अपराध तो देना क्यों नहीं-
- डॉ. इंदु सुभाष ने कहा कि दहेज मांगना अपराध है तो दहेज देना अपराध क्यों नहीं है.
- क्यों ऐसे परिजनों पर कोर्ट में मुकदमा चलाया जाता है.
- पत्नी के कह देने भर से वो पुरुष समाज और कानून की नजर में एक दहेज लोभी हो जाता है.
- जबकि बेकसूर होते हुए भी महिलाओं द्वारा पुरुषों का शोषण किया जाता है.
- इस दौरान उन्होंने संस्था के बारे में भी कई बातें बताईं.
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- उन्होंने कहा कि हम यह संस्था अपनी छोटी बचत से चलाते हैं.
- इसमें सरकार से हमेंं कोई भी सहायता प्राप्त नहीं है.
- उन्होंने कहा कि NCRB की रिपोर्ट के अनुसार हर साल देश में 64 हजार पुरुष आत्महत्या करते हैं.
- हमारा मुख्य उद्देश्य यह है कि इस पर किसी भी तरह से जरा सा भी अंकुश लगाया जा सके.
- इससे किसी भी परिवार में बूढ़े माँ-बाप को अपने जीवन में बुढ़ापे की लकड़ी को न खोने का डर खत्म हो जाएगा.