उत्तर प्रदेश में सरकारी अस्पतालों की हालत किसी से छुपी नही है. ऐसे में प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के चलते आचार संहिता लागू होने के बाद अस्पताल प्रसासन एक दम से बेनकेल हो गया है. ताज़ा मामला उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के सरकारी अस्पताल का है.जहाँ मरीजों के लाने ले जाने के लिए स्टेक्चर तक का इंतजाम नही हो पा रहा है.ऐसे में मरीजो के तीमारदारों को उन्हें गोद में उठा कर ले जाने और ले आना पड़ता है.जबकि बहुत से मरीजों को जमीन में घिसटने के लिए मजबूर होना पड़ता है.
स्टेक्चर न होने पर जमीन में घिसटने को मजबूर मरीज़
- यूपी के सरकारी अस्पताल अपनी कारगुजारियों के लिए हमेशा से मशहूर रहे है.
- लाख कोशिशो के बावजूद भी मरीजो को वो सुविधाएं नही मिल पा रही है जिसके दावे किये जाते है.
- ऐसे में अब आचार संहिता के लागू होने के बाद तो अस्पताल प्रशासन एक दम से बेनकेल हो गया है.
- ताजा मामला फतेहपुर जिले का है जहा मरीजो को लाने ले जाने के लिए स्टेक्चर तक का इंतजाम नही हो पा रहा है.
- कुछ मरीजो के तीमारदार अपने मरीजो को गोदी में ले जाने को मजबूर है तो कोई जमीन में घिसटने को मजबूर है.
- लेकिन फिर भी अस्पताल प्रसासन बेहतर व्यवस्था होने का दावा कर रहा है.
- गौरतलब हो कि सरकारी अस्पतालों में व्यवस्थाओ को बेहतर बनाने ले लिए सरकार प्रति वर्ष करोड़ो की धनराशि और संसाधन देती है.
- लेकिन इस के बावजूद यहाँ तैनात कर्मचारी और अफसर अपनी कार्यगुजारियो से बाज नही आते है.
- बता दें कि फतेहपुर जिले के सरकारी अस्पताल की हालत ये है कि मरीज़ों के तीमारदारों की शिकायत के बावजूद भी इस समस्या समाधान नही किया जा रहा है.
- ऐसे में मरीजो की परेशानी बढ़ती ही जा रही है लेकिन अस्पताल प्रशासन के जिम्मेदार अफसर बड़े बड़े दावे करने में ही जुटे हुए है.
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