समाजवादी पार्टी से निकाले जाने के बाद भी विधायक तेज नारायण उर्फ पवन पाण्डेय प्रदेश सरकार में मंत्री बने हुए हैं। 24 अक्टूबर को वन राज्यमंत्री पवन पाण्डेय द्वारा विधान परिषद सदस्य आशु मलिक के साथ मारपीट जैसे गंभीर आरोपों के बाद उन्हें उन्हें पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। इसके साथ ही सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखकर उन्हें मंत्रीमण्डल से बर्खास्त करने की मांग भी की है। हालांकि अभी तक मुख्यमंत्री की तरफ से पवन को बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल से सिफारिश की कोई सूचना नहीं मिली है। सूत्रों की माने तो सीएम इस मामले में बिना साक्ष्य कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।
- वहीं पवन पांडेय इस मामले को सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव की अदालत में ले जाने की तैयारी कर रहें हैं।
- पवन का कहना है कि उनके खिलाफ साजिश हुई है।
- एमएलसी आशु मलिक की तरफ से उन पर लगाए जा रहे आरोप झूठे व बेबुनियाद हैं।
- पार्टी से बर्खास्त किये जाने से पहले पार्टी नेतृत्व को उनसे जानकारी लेनी चाहिए थी।
- अब वह सपा प्रमुख मुलायम सिंह से अपनी बर्खास्तगी के खिलाफ अपील करेंगे।
- इसके साथ ही वह सीएम से मिलकर इन आरोपों पर अपनी सफाई देंगे।
- उन्होंने कहा कि सीएम आवास के सुरक्षा अधिकारी शिवकुमार उसी दिन ऐसी किसी घटना से इन्कार कर चुके हैं।
- साथ ही मुख्यमंत्री आवास के सीसीटीवी कैमरे झूठ नहीं बोलेंगे।
समाजवादी पार्टी से मंत्री पवन पाण्डेय को निकाला गया!
क्या है मामलाः
- दरअसल पूरी मामला सोमवार को सपा सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव द्वारा पार्टी कार्यालय पर बुलायी गयी बैठक का है।
- यहां जब अखिलेश ने एक खबर की सच्चाई बताने के लिए आशू मलिक को कहा था।
- उसी दौरा शिवपाल ने अखिलेश से माइक छीन लिया।
- जिसके बाद मुख्यमंत्री आशू मलिक को लेकर अपने आवास पहुंच गए थे।
- आशू का आरोप है कि सीएम आवास पर वन राज्यमंत्री पवन पाण्डेय ने उनके साथ मारपीट की।
- जिसके लिए उन्होंने मंत्री के खिलाफ हजरतगंज थाने में तहरीर भी दे दी है।