सोमवार को पीसीएस-जे के प्रदेश भर से आये सैकड़ो प्रतियोगी छात्र-छात्राओं ने राजधानी लखनऊ स्थित गांधी प्रतिमा पर इकठ्ठा होकर अपनी तमाम मांगो को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने की मांग की। आपको बता दें कि पीसीएस जे के इन तमाम छात्र छात्राओं की मुख्य मांग है कि उत्तर प्रदेश की सिविल जज की मुख्य परीक्षा में भाषा के प्रश्नपत्र में अंग्रेजी के साथ-साथ हिंदी को भी शामिल किया जाये और दोनों के अंक बराबर हों। इसके साथ-साथ कई मांगों को लेकर छात्र आक्रोशित होकर गांधी प्रतिमा में प्रदर्शन किया।
दरअसल प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षा पीसीएस-जे में लैंग्वेज का पेपर सिर्फ अंग्रेजी का होता है, और एक छात्र को सिर्फ चार बार परीक्षा में शामिल होने का मौका मिलता है जिसकी वजह से हिंदी मीडियम के छात्र अंग्रेजी के पेपर में बाहर हो जाते हैं और उन्हें परीक्षा में शामिल होने के पर्याप्त मौके नहीं मिल पाते हैं। जिसकी वजह से उनकी चार सूत्रीय मुख्य मांगे हैं कि लैन्वेज के पेपर में समान अंक में हिंदी का पेपर शामिल किया जाये और चार अवसर की बाध्यता को समाप्त कर किया जाये। साथ ही उनकी उनकी मांग है कि मूल्यांकन में हो रहे भेदभाव को समाप्त किया जाये व इस न्यायिक परीक्षा को प्रतिवर्ष आयोजित किए जाने का प्रावधान किया जाये। वहीं प्रदर्शन कर रहे छात्र आशीष पटेल का कहना है कि जब कोर्ट व कचहरी के सारे काम हिंदी भाषा में किये जाते हैं और हमारा देश की मातृभाषा हिन्दी होने के साथ उत्तर प्रदेश भी हिंदी भाषी क्षेत्र है तो परीक्षा में हिंदी भाषा के प्रश्नपत्र शामिल क्यों नही किया जा रहा है..? आपको बता दें कि अपनी इन मुख्य मांगों को लेकर सैकड़ों छात्र-छात्राएं प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री से मिलने की मांग कर रहे हैं। और मांगे न पूरी होने तक आंदोलन जारी रखने की चेतावनी दे रहे हैं।