2019 के लोकसभा चुनावों के पहले सभी पार्टियाँ फूलपुर और गोरखपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल करने पर लगी हुई हैं। भाजपा के लिए जहाँ अपनी ये दोनों सीटें जीतना साख का सवाल है तो वहीँ सपा-कांग्रेस के लिए इस उपचुनावों का नतीजा 2019 की तस्वीर काफी हद तक साफ़ कर देगा। अब इस उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए 2 पार्टियों ने आपस में गठबंधन कर लिया है जिसके बाद अब वे दोनों सीटों पर अपने साझा प्रत्याशी उतारेंगी।
पीस पार्टी-निषाद दल में हुआ गठबंधन :
फूलपुर और गोरखपुर सीट पर होने वाले उपचुनाव में पीस पार्टी व निषाद दल ने गठबंधन का ऐलान किया है। अब गोरखपुर व फूलपुर लोकसभा सीट के उपचुनाव भी दोनों पार्टियाँ साथ लड़ेंगी। ऐसे में इन सीटों के लिए दोनों दल अपने साझा उम्मीदवार उतारेंगे। यह घोषणा लखनऊ में आयोजित पीस पार्टी के उलमा सम्मेलन में की गई थी। मौके पर मौजूद निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार निषाद ने कहा कि मुसलमानों और निषादों की बीमारी अब एक जैसी हो गयी है। ऐसे में इस बीमारी का इलाज भी एक जैसा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर हम एक हो जाएँ तभी दुश्मन से लड़ सकते हैं। इस इस दौरान उन्होंने कहा कि उपचुनाव और 2019 का लोकसभा चुनाव भी दोनों दल साथ मिलकर लड़ेंगे। इसके पहले दोनों दल 2017 का विधानसभा चुनाव भी साथ लड़े थे।
अल्पसंख्यकों को मिले मंच :
लखनऊ में आयोजित पीस पार्टी के कार्यक्रम में अल्पसंख्यकों को कानूनी सलाह देने को कानूनी अधिकार मंच के गठन का ऐलान किया गया। लखनऊ में आयोजित उलमा सम्मेलन में तय हुआ कि अल्पसंख्यकों के आपसी मसले सुलझाने या उन्हें कानूनी सलाह देने के लिए एक अधिकार मंच बनाया जाए। पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अयूब ने कहा कि यह अधिकार मंच राष्ट्रीय, प्रादेशिक व जिले स्तर पर गठित किया जाएगा। इस अधिकार मंच में उलमा, अधिवक्ता व अवकाश प्राप्त न्यायाधीशों को रखा जाएगा।