भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा है कि एक कर्मयोगी, साधक और जनता के सच्चे सेवक के तौर पर मोदी और योगी की जोड़ी देश और प्रदेश की दिन रात सेवा में जुटी हुई है। इस कामयाब जोड़ी की मेहनत और ईमानदारी से ऐसे दल घबराए हुए हैं जिनके लिये उनका देश प्रदेश नहीं बल्कि खुद का स्वार्थ और परिवार ही सब कुछ है। ऐसे दलो को जब जनता ने पूरी तरह अस्वीकार कर दिया तब ये दल नीतियाँ फेंक कर स्वार्थ के गठजोड़ के साथ लोकसभा के उपचुनाव में आए हैं।
प्रदेश की जनता इस मौकापरस्ती के गठबंधन का ऐसा जवाब देगी कि दुबारा ये धोखे की राजनीति करने के काबिल नहीं बचेंगे। भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने जिस प्रकार गोरखपुर के सांसद रहे सामान्य-पिछडे परिवार से सन्यासी योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री और फूलपुर के सांसद रहे कमजोर परिवार के केशव मौर्य को उपमुख्यमंत्री बना कर जो सामाजिक न्याय किया है उसके रिटर्न गिफ्ट के तौर पर गोरखपुर और फूलपुर की जनता भाजपा को रिकार्ड मतों से विजयी बनाएगी।
शलभ मणि त्रिपाठी ने कहा कि समाजवादी पार्टी ने पिछले ही विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ नापाक गठबंधन किया था, पर प्रदेश की महान जनता ने इस मौकापरस्त गठबंधन की धज्जियाँ उड़ा दीं। अब सपा और बसपा उपचुनाव में साथ खड़े हुए हैं। जनता इस गठबंधन से हैरान है। किसे याद नहीं कि पिछले पंद्रह सालों में इन दोनों दलों के बीच क्या क्या हुआ है। गेस्ट हाउस कांड में जहाँ समाजवादी पार्टी की अगुवाई में अराजकता की हदें पार करते हुए ना सिर्फ बीएसपी प्रमुख पर कातिलाना हमला हुआ बल्कि इस घटना के बाद सपा सरकारों में बड़े पैमाने पर बदले की भावना से दलित भाइयों पर बेइंतहा अत्याचार किए गए। आज मायावती के फैसले से वे लोग हतप्रभ हैं जिनको सपा सरकारोँ में हर तरह के जुल्म सहने पड़े।
प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि पिछले पंद्रह सालों के दौरान मुलायम सिंह, अखिलेश यादव और मायावती एक दूसरे को भ्रष्टाचारी और अराजक बता कर जेल भेजने का दम भरते रहे, एक दूसरे की सरकारों में बने पार्कों और मूर्तियों को ध्वस्त कराते रहे। यही लोग आज अपनी पारिवारिक हैसियत और अवैध तरीके से कमाई गई दौलत बचाने के लिए एक दूसरे के साथ आ खड़े हुए हैं। ये स्वार्थ का गठबंधन उन सभी के साथ अन्याय जैसा है जिनको सपा बसपा की सरकारों में बदले की भावना का शिकार होते हुए हर तरह का उत्पीड़न सहना पड़ा। इन सरकारों में बदले की भावना से उत्पीड़न का शिकार हुए लोगों का इस ताजे गठबंधन के बाद सपा बसपा से पूरी तरह मोहभंग हो गया है और अब हर कोई चाहता है कि इन दोनों भ्रष्टाचारी दलों का पूरी तरह सफाया हो जाए।