एक जून को भदौरा रेलवे स्टेशन और बाजार के विकास के लिए हुए काला दिवस के दौरान बंदी को लेकर अगुवाई कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता राकेश सिंह पिंटू के साथ उनके दर्जनों सहयोगियो पर शांति भंग के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. जिसमें जमानत हेतु लगने वाली धनराशि के लिए सभी दुकानदारों से भिक्षाटन करके धन राशि इकट्ठा की और शासन-प्रशासन का विरोध जताया.
व्यापारियों ने बाज़ार बंद रख जताया था विरोध:
शासन द्वारा भदौरा रेलवे स्टेशन की उपेक्षा किए जाने से आक्रोशित व्यापारियों ने स्वयं स्वेच्छा से बीते 1 जून को काला दिवस मनाया था. व्यापारियों ने पूरे बाजार की दुकानों को बंद रखकर अपना विरोध जताया था. जिसकी अगुवाई सामाजिक कार्यकर्ता राकेश सिंह पिंटू ने की थी. उनके दर्जनों सहयोगियों के खिलाफ पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन पर मुकदमा कायम कर लिया है.
इस बात की जानकारी पुलिस द्वारा 28 जून को भेजी गई दूसरी नोटिस से हुई. मुकदमे की बात की जानकारी होते ही व्यापारियों में शासन प्रशासन के खिलाफ आक्रोश बढ़ गया हैं.
जमानत के लिए इकठ्ठा की धनराशि:
बैठक कर सभी व्यापारियों ने सामाजिक कार्यकर्ता राकेश सिंह पिंटू एवं उनके दर्जनों सहयोगियो के जमानत के लिए लगने वाली धनराशि इकट्ठा करने की बात कही। पूर्व नियोजित कार्यक्रम के अनुसार सोमवार को भिक्षाटन करके अनोखे प्रकार से प्रदर्शन किया. भदौरा रेलवे स्टेशन पर जन सुविधाओं को लेकर कई महीनों से रेलवे प्रशासन और रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा से मांग कर रहे थे लेकिन जब मांग पूरी नहीं हुई तब व्यापारियों के साथ एक जून को काला दिवस का आयोजन किया गया था.
किंतु प्रशासन ने इस आंदोलन को रोकने के लिए काफी प्रयास किया और आंदोलन प्रभावित क्षेत्र में धारा 144 भी लगाया गया. आंदोलन के माध्यम से सरकार तक अपनी मांग को पहुंचाने की कोशिश की थी . इस मामले में अब एक नया मोड़ सामने आ गया है राकेश सिंह पिंटू ने बताया कि बगैर जानकारी के उनके और उनके करीब एक दर्जन साथियों खिलाफ शांति भंग करने का मामला दर्ज कर लिया गया है और इस मामले में जमानत के लिए बुलाया गया है जिसके लिए प्रशासन द्वारा उन्हें जानकारी दी गई है.