उत्तर प्रदेश की 17वीं विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन की कार्यवाही से पहले सदन में नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी की टेबल के नीचे से विस्फोटक पदार्थ PETN मिला था. इस घटना के बाद NIA से जाँच कराने की बात कही गई थी.
मार्शल मनीष चंद्रा ने दर्ज कराई FIR:
- PETN की बरामदगी मामले में मार्शल की तरफ से तहरीर पर FIR दर्ज हुई है.
- विस्फोटक मामले पर हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज हुआ है.
- धारा 16,18, 20 UAPA के तहत मामला दर्ज हुआ है.
- मार्शल मनीष चंद्रा ने मुकदमा दर्ज कराया है.
- इस मामले में धारा 121A और 120B के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.
- विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की धारा 4,5,6 भी लगाई गई है.
- FIR की कॉपी दिल्ली भेजी जाएगी.
- इसी आधार पर मामले की जाँच NIA द्वारा कराये जाने की सिफारिश की जाएगी.
कैसे पहुंचा होगा विस्फोटक(ADG LO meeting):
- विधानसभा के गेट पर सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं.
- मेटल डिटेक्टर के साथ सुरक्षाकर्मी खड़े रहते हैं.
- लेकिन हैरानी की बात ये है कि मल्टी लेयर सुरक्षा घेरे को तोड़कर कोई विस्फोटक लेकर कैसे पहुँच गया?
- वहीँ इस पूरे घटनाक्रम में साजिश से इंकार भी नहीं किया जा सकता है.
- इस प्रकार की वारदात के बाद सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं.
- विस्फोटक नीले रंग के पॉलीथीन में रखा गया था।
- जब राजधानी स्थित विधानसभा सुरक्षित नहीं है तो पूरे प्रदेश में सुरक्षा के प्रबंध कैसे होंगे?
- ATS को इस मामले में जाँच के आदेश दिए गए हैं.
- 2011 में दिल्ली हाईकोर्ट के बाहर हुए धमाके में PETN का इस्तेमाल किया गया था.
- ये एक गंधहीन पदार्थ होता है और इसको X-रे मशीन भी नहीं पकड़ पाती है.
- ये छोटी से छोटी मात्रा में बढ़ा धमाका कर सकता है.
- वहीँ ये भी बात सामने आई है कि सदन के भीतर जाने वालों की तलाशी नहीं होती है.
- ऐसे में सुरक्षा में हुई इस चूक की जवाबदेही किसकी होगी.
विधानसभा की सुरक्षा में बड़ी चूक का मामला(ADG LO meeting):
- यूपी विधानसभा में विस्फोटक मिलने के बाद हर कोई सकते में हैं.
- वहीँ विधानसभा की सुरक्षा में सेंध का यह सबसे बड़ा मामला है.
- मामले में पुलिस की लापरवाही उजागर हो गयी है.
- जिसके बाद सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि, इतनी भारी सुरक्षा के बीच विस्फोटक पदार्थ विधानसभा में पहुंचा कैसे.