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मथुरा: एक ही मंच पर दिखे फूलन देवी की बहन और हत्या का आरोपी

‘बैन्डिट क्वीन’ के नाम से फेमस फूलन देवी की बहन ने हत्या के आरोपी शेर सिंह राणा का बचाव किया है। फूलन देवी के मर्डर की प्रमुख गवाह रही उनकी बहन ने कहा है कि राणा को इस मर्डर केस में गलत तरीके से फंसाया गया है और असली आरोपी फूलन के पति उमेद सिंह हैं। 

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के अधिवेशन में हुए शामिल:

मथुरा के शांति सेवा धाम में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा का राष्ट्रीय अधिवेशन कार्यक्रम हुआ। इस क्रार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शेर सिंह राणा, सूरजपाल सिंह, अम्मू श्रीमति मुन्नी देवी और डॉक्टर शिवराम सिंह गौर ने शिरकत किया।

बता दें कि यह कार्यक्रम इस लिए भी ख़ास रहा क्योंकी कार्यक्रम में बैन्डिट क्वीन फूलन देवी की हत्या के आरोपी शेर सिंह राणा और फुलन देवी की बहन मुन्नी देवी ने एक साथ मंच साँझा किया था.

आरोपी शेर सिंह राणा के बचाव में आई फूलन देवी की बहन:

मुन्नी देवी को कार्यक्रम के दौरान क्षत्रिय संगोष्ठी का पदाधिकारी बनाया गया। तो वहीं राजपूत समाज की शान कहे जाने वाले शेर सिंह राणा को भी क्षत्रिय संगोष्ठी का पदाधिकारी बनाया गया है।

बता दें कि पूर्व सांसद फूलन देवी के मर्डर केस में शेर सिंह राणा 13 साल की सज़ा काट चुके हैं.

इस बारे में मुन्नी देवी ने शेर सिंह राणा का बचाव करते हुए कि, ‘राणा, सरकार की तरफ से रची गई गहरी साजिश का शिकार हो गए। फूलन की हत्या तो उनके पति उमेद ने की थी, जिसे कठोर सजा मिलनी चाहिए। इसके साथ ही राणा को जेल में बिताए इतने सालों के लिए उचित मुआवजा मिलना चाहिए।’

13 साल की सज़ा काट चुके शेर सिंह राणा:

जब इस मामले में शेर सिंह राणा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मुन्नी देवी ने FIR दर्ज नहीं कराई थी। वह इस केस की मुख्य गवाह थी और उन्होंने कोर्ट में जो सच था वो बताया लेकिन पुलिस ने ही सब गड़बड़ की थी।

शेर सिंह ने कहा कि उनके मन में कभी भी फूलन देवी और उनके परिवार के प्रति दोष भावना नहीं थी।

2001 में हुई थी फूलन देवी की हत्या :

बता दे कि शेर सिंह राणा पर 2001 में फूलन देवी की दिल्ली में हत्या करने का आरोप है। हत्याकांड को अंजाम देने के बाद राणा देहरादून भाग गया था, जहां उसने दावा किया कि 1981 में कानपुर के बेहमई में 22 राजपूतों की फूलन गैंग के द्वारा हत्या का बदला लिया है। हालांकि कोर्ट में राणा अपने बयान से मुकर गया था। स्थानीय कोर्ट ने 2014 में राणा को आजीवन कैद की सजा सुनाई थी, लेकिन दिल्ली हाई कोर्ट में केस पेंडिंग होने की वजह से 2017 में उसे जमानत मिल गई थी।

गौरतलब है कि राजपूत महासभा के अध्यक्ष शेर सिंह राणा पर हाल ही में सहारनपुर में भीम आर्मी नेता के भाई सचिन वालिया की हत्या का भी आरोप लगा है। इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।

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