उत्तर प्रदेश के हरदोई जिला में अराजक तत्वों द्वारा एक देवी मंदिर में स्थापित देवी की प्रतिमा से आंख निकालने का मामला प्रकाश में आया है। प्राचीन देवी मंदिर में अज्ञात खुराफाती तत्वों की खुराफात उजागर होने पर स्थानीय ग्रामीणों ने हंगामा काटा। इस घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने स्थानीय लोगों को कार्रवाई का आश्वासन देकर मामला शांत कराया। ये घटना माधौगंज थाना क्षेत्र की बताई जा रही है। यहां कस्बा के मोहल्ला गोखले नगर में फूलमती का मंदिर है। अराजक तत्वों की खुराफात की शिकायत क्षेत्रीय सभासद अमित गुप्ता ने पुलिस से की है। पुलिस पूरे मामले की जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई कर रही है।
माता की मनौती मानने से ठीक हो जाती है चेचक
बता कि मल्लावां कस्बे में माता फूलमती मंदिर बाजीगंज के मंदिर की स्थापना करीब 5 सौ वर्ष पूर्व हुई थी। कन्नौज के राजा जयचंद्र की कुलदेवी माता फूलमती थीं। उनकी राजकुमारी संयोगिता पूजा किया करती थीं। उसी से प्रेरित होकर यहां के धनाढ्य लोगों ने कन्नौज में स्थापित मूर्ति का अंश लेकर देवी जी की मूर्ति की स्थापना मोहल्ला बाजीगंज में की। तभी से बाजीगंज, गोवर्धनपुर, भगवंत नगर, के लोगो की कुल देवी है। वैवाहिक या मांगलिक कार्य करने से पूर्व देवी माता को निमंत्रण पत्र व आशीर्वाद जरूरी होता है। मान्यता है कि चेचक निकलने पर देवी माता की मनौती मानकर पूजा की जाती है। जिससे चेचक ठीक हो जाती है।
ये है प्राचीन मंदिर की विशेषता
ऐसी मान्यता है कि मन्दिर में माता फूलमती की मूर्ति स्थापित है। इसके अलावा मंदिर में विभिन्न देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को स्थापित किया गया है। यहां पर नवरात्र में प्रत्येक वर्ष मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर भव्य आयोजन किया जाता है। जिसमें भक्त बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और बाद में स्थापित मूर्ति को श्रद्धालु गंगा जी में विसर्जित कर देते है। मंदिर में स्थापित माता जी की मूर्ति प्राचीन है। जो कि काले कंकर पत्थर की है। पहले मंदिर भी लखोरी ईंटों का बना था पर धीरे-धीरे मंदिर कमेटी ने इसको नए रूप में भव्यता प्रदान कर दी है।
कन्या भोज व भंडारे का भी होता है आयोजन
मंदिर की तीन पीढि़यों से देखरेख कर रहे पुजारी बताते हैं कि माताजी की कृपा उनके परिवार पर है। तभी वह रोज ही मंदिर की साफ सफाई के साथ ही पूजन व आरती के लिए फल व अन्य सामग्री लाते हैं। नवमी को पूर्णाहुति के बाद कन्या भोज व भंडारे का आयोजन किया जाता है। माता फूलमती मंदिर बाजीगंज में स्थापित है। वैसे तो मंदिर में सदैव ही भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन नवरात्र में विशेष आयोजनों में भीड़ अधिक होती है। विवाह या अन्य मांगलिक कार्यक्रम में सबसे पहले देवी माता को ही न्योता दिया जाता है और शादी के पूर्व वर और वधू देवी माता के दर्शन करने आते हैं। यहां जाने के लिए मल्लावां रेलवे स्टेशन व बस अड्डा भी है। यहां से ई-रिक्शा व पैदल भी जाया जा सकता है। बस अड्डे से दूरी 1 किलोमीटर तो रेलवे स्टेशन से दूरी 2 किलोमीटर है।