2019 के आगामी लोकसभा चुनावों के पहले सभी पार्टियों के लिए गोरखपुर और फूलपुर लोकसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव साख का सवाल रहने वाला है। भाजपा के ऊपर जहाँ अपनी इन दोनों सीटों को बनाये रखने का दबाव है तो सपा पर पिछले चुनावों में मिली हार को भुलाते हुए इस चुनाव में जीतना प्राथमिकता रहने वाला है। इन दोनों लोकसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की तारीख की केंद्रीय चुनाव आयोग द्वारा घोषणा कर दी गयी है।
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सीएम योगी के इस्तीफे से खाली हुई सीट :
उत्तर प्रदेश में भाजपा की प्रचंड जीत के बाद गोरखपुर से तत्कालीन लोकसभा सांसद योगी आदित्यनाथ को प्रदेश का सीएम बनाया गया जिसके बाद उन्हें अपनी लोकसभा सीट से इस्तीफ़ा देना पड़ा था। इसके अलावा फूलपुर से तत्कालीन भाजपा सांसद केशव प्रसाद मौर्या को यूपी का डिप्टी सीएम बनाया गया और उन्हें भी अपना सीट से इस्तीफ़ा देना पड़ा। बीजेपी और सपा दोनों के लिए ये सीटें जीतना करो या मरो की स्थिति जैसा बन गया है। अगर राजस्थान की तरह इन 2 उपचुनाव में भाजपा की हार हुई तो ये पार्टी के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं होगा। वहीँ सपा को इस उपचुनाव में जीत मिली तो ये उसके लिए संजीवनी साबित हो सकता है।
11 मार्च को होगा मतदान :
केन्द्रीय चुनाव आयोग द्वारा फूलपुर और गोरखपुर सीट पर होने वाले लोकसभा उपचुनाव की घोषणा कर दी गयी है। इन दोनों सीटों पर उपचुनाव 11 मार्च को होने वाला है और इसके नतीजे 14 मार्च को घोषित कर दिए जायेंगे। सियासी चर्चाएँ है कि इन सीटों पर विपक्षी दल मिलकर साझा प्रत्याशी उतारेंगे। यदि ऐसा हुआ तो भाजपा के जीत की राह काफी मुश्किल हो जायेगी। उपचुनाव की तारीख सामने आने के बाद पार्टियां भी अपने प्रत्याशी की खोज में अब तेजी लायेंगी और मुमकिन है कि कुछ दिनों में पार्टी प्रत्याशी की घोषणा कर दी जायेगी।