69वें गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर जहां राजधानी लखनऊ में सीएम और राज्यपाल रामनाईक ने झंडारोहण किया। वहीं, प्रदेश के विभिन्न जिलों में अधिकारी झंडारोहण कर गणतंत्र दिवस मनाया। इस दौरान प्रदेश के पीलीभीत पुलिस लाईन्स मैदान पर गणतंत्र दिवस समारोह बड़े हर्षोउल्लास से मनाया गया। इस दौरान जिलाअधिकारी शीतल वर्मा व एसपी कला निधी नैथानी ने सलामी ली, और परेड का निरीक्षण किया।
गणतंत्र दिवस के इस अवसर पर जिले के दस पुलिस कर्मियों को उनके उत्कृष्ठ सरानीय कार्य के लिए जिलाअधिकारी और एसपी ने नौ सिल्वर मेडल देकर सम्मानित किया।
हिंदुस्तान अपना गणतंत्र दिवस मना रहा है। ऐसे में आज से 68 साल पहले देश की राजधानी दिल्ली में किस तरह भारत का पहला गणतंत्र दिवस मनाया गया। इसे याद करना अपने आप में बेहद दिलचस्प है।
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उस दिन गणतंत्र दिवस की परेड पुराना क़िला के सामने ब्रिटिश स्टेडियम में हुई थी। इस जगह आज दिल्ली का चिड़ियाघर हैं और स्टेडियम की जगह पर नेशनल स्टेडियम मौजूद है।
देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने जैसे ही गणतंत्र भारत में पहली बार तिरंगा झण्डा लहराया, इसी के साथ परेड की शुरुआत हो गई। सबसे पहले तोपों की सलामी दी गई जिससे पुराना क़िला गूंज उठा।
देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू भी वहां मौजूद थे। उनके साथ सी राजगोपालाचारी भी थे, वे अंतिम ब्रिटिश वायसरॉय लॉर्ड माउंटबेटन की जगह गवर्नर-जनरल का पद संभाल रहे थे।
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गणतंत्र दिवस का अर्थ था कि भारत अपनी ज़मीन से विदेशी राज के अंतिम निशान मिटाकर गणतंत्र राष्ट्रों की मंडली में शामिल होने जा रहा था। किंग जॉर्ज VI ने भारत को अपनी ओर से शुभकामनाएं भेजी थीं और इसका आभार भी जताया कि नए स्वतंत्र हो रहे देश राष्ट्रमंडल देशों में शामिल होंगे। हालांकि कुछ समय बाद ही किंग का निधन हो गया।
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भारत में इस शोक समाचार पर श्रद्धांजलि स्वरूप सार्वजनिक छुट्टी की घोषणा की गई थी। पहले गणतंत्र दिवस के समय ये अफ़वाहें भी उड़ी थीं कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस अपने ‘दिल्ली चलो’ आह्वान पर एक बार फ़िर सभी के सामने प्रकट हो सकते हैं।