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सूबे में प्रशांत किशोर के बढ़ते कद से चिंतित कांग्रेसियो ने खुलकर पीके का विरोध शुरु कर दिया है।
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खास बात यह है कि पीके के खिलाफ बगावत के यह सुर कांग्रेस अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के गढ़, अमेठी औऱ रायबरेली से निकलने शुरु हुये है।
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यहां के जिला संगठन ने साफ कहा है कि उसके लिए प्रशांत किशोर की कोई अहमियत नहीं हैं और वे प्रियंका गांधी के नेतृत्व में ही चुनावी मैदान में उतरेंगे।
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प्रशांत किशोर ने गत 10 मार्च को लखनऊ में जिला और शहर अध्यक्षों की बैठक की थी और सभी जिलों से 20-20 वॉलंटिअर्स के नाम मांगे थे।
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प्रदेश के बाकी सभी जिलों ने नाम भेज दिए, लेकिन रायबरेली और अमेठी से अब तक नाम नहीं आए। इसके साथ ही यह भी साफ कर दिया है कि आगे भी यह नाम नहीं भेजे जायेंगे।
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इन जिला कांग्रेसियों का मानना है कि उन्हें प्रशांत किशोर की जरूरत नहीं है। उनका संगठन पहले से ही मजबूत है।
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अमेठी और रायबरेली के कांग्रेस संगठनों में कहा जा रहा है कि रायबरेली और अमेठी हमेशा ही दिल्ली से संचालित होते रहे हैं, यहां के मामलों में यूपी कांग्रेस तक हस्तक्षेप नहीं करती है, ऐसे में पीके का दखल कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है।
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