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नेतन्याहू संग पीएम मोदी करेंगे अहमदाबाद में रोड शो

PM Modi will share roadshow in Ahmedabad with Netanyahu

PM Modi will share roadshow in Ahmedabad with Netanyahu

इज़रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू 14 से 18 जनवरी तक भारत दौरे पर है। इज़रायल पीएम का दिल्ली, मुंबई, आगरा के अलावा अहमदाबाद में मुख्य कार्यक्रम है। पीएम नरेंद्र मोदी खुद अपने इज़रायल समकक्ष की आगवानी करेंगे। 17 जनवरी को अहमदाबाद में पीएम मोदी और इज़रायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू का रोड शो का आय़ोजन होगा।

आपको बता दें कि वैसे बेंजामिन नेतन्याहू ऐसे पहले राष्ट्राध्यक्ष नहीं हैं। जिनकी अहमदाबाद में मेजबानी हो रही है. इसके पहले पीएम मोदी अहमदाबाद में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जापान के पीएम शिंजो आबे की मेजबानी कर चुके हैं। आखिर क्या है वजह कि पीएम हर किसी को अहमदाबाद ले जाते है ?

क्या है वजह

2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी के लिए अहमदाबाद बहुत खास रहा है. अहमदाबाद को दिल्ली के बाद देश की दूसरी राजधानी के रूप में प्रोजेक्ट किया जा रहा है. राजनीतिक जानकारों का मानना है कि ये पीएम मोदी की एक रणनीति है. वह विश्व के नेताओं को उन विकास परियोजनाओं से वाकिफ कराना चाहते हैं, जिनकी शुरुआत उन्होंने अहमदाबाद में सीएम रहते हुए की थीं.।

2014 में भारत आए थे शी जिनपिंग

सितंबर 2014 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत का दौरा किया था।

तब साबरमती रिवरफ्रंट में झूले पर बैठे पीएम मोदी और जिनपिंग की तस्वीरें दुनियाभर के अखबारों में छपी थी

देश-दुनिया के न्यूज चैनलों ने इसे कवर किया था।

इसके दूसरे दिन नई दिल्ली में दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता की।

लेकिन, तब भी टेलीविजन चैनलों पर साबरमती रिवरफ्रंट की तस्वीरें ही छाई रही.

2017 में हुआ जापान के पीएम का भारत दौरा

इसके बाद सितंबर 2017 में जापान के पीएम शिंजो आबे भारत दौरे पर आए. तब भी अहमदाबाद में ही मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की आधारशिला रखने का कार्यक्रम रखा गया. मुंबई को देश की आर्थिक राजधानी माना जाता है, लेकिन पीएम मोदी के राज्य को आर्थिक राजधानी मुंबई से ज्यादा तवज्जो मिली. यही नहीं, सिद्धि सैयद मस्जिद जाने के लिए आबे के काफिले को साबरमती रिवरफ्रंट से होकर गुजारा गया, ताकि उन्हें इस प्रोजेक्ट की झलक दिखाई जा सके.

हाल में गुजरात चुनाव प्रचार के आखिरी दिन पीएम मोदी ने फिर से साबरमती रिवरफ्रंट को चुना. यहीं से पीएम के सीप्लेन ने टेक ऑफ किया और लैंडिंग हुई. इसके जरिए पीएम और बीजेपी ने यह बताया कि गुजरात में बेहतर परिवहन की संभावनाएं हैं.

गुजरात मॉडल को प्रमोट करना है मकसद

राजधानी दिल्ली के बजाय अहमदाबाद और गांधीनगर में राष्ट्राध्यक्षों की मेजबानी करना पीएम मोदी की एक दूरगामी रणनीति है

ये रणनीति अहमदाबाद की विकास परियोजनाओं का प्रदर्शन और पीएम मोदी के गुजरात मॉडल को प्रमोट करने के बारे में है.”

देसाई ने बताया कि जब मोदी गुजरात के सीएम थे,

तब स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समारोह डिस्ट्रिक्ट हेडक्वार्टर गांधीनगर में मनाए जाते थे

. अब पीएम बनने के बाद नरेंद्र मोदी इसी रणनीति पर काम कर रहे हैं.

पानी शुद्ध करने की क्षमता

गल मोबाइल’ एक दिन में 20,000  लीटर पानी को शुद्ध करने की क्षमता रखता है.

अगर पानी ज्यादा दलदला है तो हर दिन ये वाहन 4000 लीटर पानी ही शुद्ध कर सकता है

. सूत्रों के मुताबिक इस वाहन को प्रशिक्षित स्टाफ के साथ सरहद पर अधिक से अधिक चौकियों तक भेजा जाएगा

. अभी तक इन चौकियों पर टैंकर्स के माध्यम से पीने का पानी पहुंचाया जाता है.

कई जगह पाइप लाइनों से भी इसकी सप्लाई होती है.

सूत्रों के मुताबिक भविष्य में कई ‘गल मोबाइल’ भारत में काम करते देखे जा सकते हैं.

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीते साल जुलाई में इजरायल के दौरे पर गए थे

तो नेतन्याहू ने ‘डिसेलिनेशन कार’ की अद्भुत टेक्नोलॉजी को उन्हें दिखाया था

वहां डोर के ओल्गा बीच पर ‘गल मोबाइल’ की ओर से शुद्ध किए गए पानी को मोदी और नेतन्याहू दोनों ने चखकर देखा था.

तब पीएमओ ने ट्वीट किया था- ‘गल मोबाइल पानी शुद्ध करने का ऐसा वाहन है

जो उच्च गुणवत्ता का पानी तैयार करता है.

ये बाढ़, भूकंप, मुश्किल हालात में जवानों की तैनाती के दौरान,

ग्रामीण इलाकों में पीने का शुद्ध पानी मुहैया कराने में बहुत उपयोगी साबित हो सकता है

.’तो अब पीएम मोदी के इजरायली दोस्त नेतन्याहू ये खास तोहफा भारत को सौंपने जा रहे हैं.

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