राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद सबकी निगाहें अचानक रामनाथ कोविंद की और घूम गयी हैं। इसी के मद्देनजर आज उनसे मीडिया ने कुछ सवाल किये जिसके जवाब उन्होंने कम समय होने के बावजूद भी बड़ी ही शालीनता से दिए। मीडियाकर्मी उनसे सवालों का जवाब लेने के लिए फ्लाइट में पहुंच गए। उन्होंने कहा की उनका इस ओर कोई ध्यान नहीं था। बाकि जो भी निर्णय लिया गया है बहुत ही सोच समझ कर लिया गया है।
अच्छा अनुभव होगा
- 12 साल तक राज्यसभा सांसद रहे बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी होंगे।
- राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की होड़ में उनका नाम बहुत ज़्यादा चर्चा में नहीं था.
- वे कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं 1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए सांसद चुने गए।
- बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद आरएसएस के दलित शाखा के प्रमुख भी रह चुके हैं।
- पीएम मोदी ने सोमवार को अपनी बीजेपी के वरिष्ठतम नेताओं से मुलाकात के बाद यह निर्णय लिया।
- उसके बाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने घोषणा की कि बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद के प्रत्याशी होंगे.
- दलित नेता रामनाथ कोविंद एक किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं, और राजनीतिक दुनिया में प्रवेश करने से पहले लंबे अरसे तक वकील के रूप में भी सक्रिय रहे हैं।
- कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में रही है. उन्होंने ने छात्र जीवन में भी अनुसूचित जाति, जनजाति और महिलाओं के लिए काफी काम किया है।
- 23 जून को वो अपना नामांकन भरेंगे और चुनाव 17 जुलाई को होगा।
- बीजेपी ने भले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है लेकिन विपक्ष की तरफ से अभी तक कोई घोषणा नहीं की गयी है।
- इसलिए ये जानकारी नहीं है की कोंग्रेस की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा।
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