उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने देरी पर (pm narendra modi) अडाणी ग्रीन समेत छह सौर बिजली उत्पादन कंपनियों से करार रद्द प्रदेश में सौर ऊर्जा से बिजली बनाने की योजना में असफल रहने पर अडानी ग्रीन समेत छह कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की गई है। इन कंपनियों से पॉवर कार्पोरेशन ने सौर ऊर्जा बिजली खरीदने का करार तोड़ दिया है।
यह करार सपा सरकार में हुए थे। इन कंपनियों को 80 मेगावाट सौर ऊर्जा से उत्पादित बिजली पॉवर कार्पोरेशन को देनी थी लेकिन कंपनियां अब तक इसे शुरू नहीं कर सकीं। समीक्षा के दौरान यूपीपीसीएल ने यह भी पाया कि वर्तमान में सौर ऊर्जा जनित बिजली के दाम काफी कम हो चुके हैं जबकि करार के समय इसकी कीमतें बहुत ऊंची थीं।
इसलिए इसे आगे जारी नहीं रखा जाएगा। यह था मामला सौर ऊर्जा नीति 2013 के तहत उत्तर प्रदेश के लिये 215 मेगावाट सौर ऊर्जा के लिए यूपी नेडा के माध्यम से सन 2015 में बिडिंग किया गया। इस बिडिंग में सौर ऊर्जा का टैरिफ 7.02 रुपये प्रति यूनिट से 8.60 रुपये तक आया था। बिडिंग में 15 कंपनियों को चयनित किया गया था। जिनमें नौ कंपनियों ने तय समय में 135 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना कर दी। छह कंपनियों ने इसमें रुचि नहीं ली।
इन कंपनियों के 80 मेगावाट की परियोजनाएं आज तक लटकी हुई हैं। इस कारण से पॉवर कारपोरेशन ने करार रद करने की नोटिस जारी कर दी। सरकार ने कहा, अब सस्ती है सौर ऊर्जा दो वर्षों में सोलर पैनलों के दामों में खासी कमी आ चुकी है। इसी कारण सौर ऊर्जा के टैरिफ में भी गिरावट हो चुकी है।
वर्तमान में केन्द्र सरकार की संस्था सेकी ने राजस्थान में सौर ऊर्जा परियोजनाओं की स्थापना के लिए जो बिडिंग की उसमें सौर ऊर्जा का न्यूनतम टैरिफ 2.44 रुपये प्रति यूनिट तक आ चुका है। ऐसे में प्रदेश में 2015 के महंगे दरों से सौर ऊर्जा की खरीद करना उचित नहीं है। केन्द्र सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने भी राज्य सरकारों से किसी भी सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन करने वाली कंपनी को स्थापना-उत्पादन के लिए अतिरिक्त समय न देने के निर्देश दिए हैं।
इन (pm narendra modi) कंपनियों को बाहर का रास्ता – सुधाकर इन्फ्राटेक प्रा. लि. – टेक्नीकल एसोसियेट्स लखनऊ – सहस्रधारा इनर्जी प्रा. लि., – अवध रबर प्रोप मद्रास इलास्टोमर लि. – अडाणी ग्रीन इनर्जी लि. – पिनाकल एयर प्रा. लि. शामिल हैं।