प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत अभियान ने देश भर में लोगों के दिलों को छुआ है. लेकिन उत्तर प्रदेश में एक ऐसा जिला भी है जहाँ पीएम मोदी का ये ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ सिर्फ कागजों पर ही पूरा हुआ है. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र अमेठी में स्वच्छ भारत अभियान प्रोजेक्ट के तहत हजारों करोड़ का बजट रखा तो गया लेकिन हकीकत में ये सिर्फ कागजों पर ही खर्च होता रहा है.
अफसरों और पंचायती राज विभाग का सिंडिकेट पड़ा पीएम के प्रोजेक्ट पर भारी-
- मोदी सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान के प्रचार प्रसार में ही करोड़ों फूंक डाले हैं .
- लेकिन इस सब के बावजूद यूपी के अमेठी में इस अभियान की हालत सबसे खस्ता है.
- यहाँ अफसरों और पंचायती राज विभाग का सिंडिकेट पीएम के स्वच्छ भारत अभियान पर भारी पड़ा है.
- एक रिपोर्ट के मुताबिक पीएम देश की करीब 113 सेवाओं पर अधिभार लगाकर आमजनता से इस अभियान के नाम पर करोड़ों की वसूली कर रहे हैं.
- यही नही मायावती सरकार के दौरान ही यूपी में हजारों करोड़ के शौचालय घोटाले को अंजाम दिया गया था.
- जिसमे करीब 3 हजार करोड़ के शौचालय घोटाले के खुलासे पर जांच भी बिठाई गयी थी.
- लेकिन अब तो शौचालयों के निर्माण को निर्मल भारत के तहत दुगुना पैसा भी दिया जाता है.
- ऐसे में सपा राज में भी ये घोटाला बेखौफ जारी रहा.
- अमेठी जनपद में शौचालय घोटाले में तमाम ग्राम प्रधान सहित अधिकारी भी शामिल हैं अधिकांश ब्लाॅकों में शौचालय आज तक बने ही नहीं है.
- ब्लाॅक के अफसरों और प्रधानों की मिलीभगत ने निर्मल भारत स्वच्छ अभियान योजना को घोटाले की भेंट चढ़ा दिया गया.
- मुसाफिरखाना के चन्दीपुर ग्रामसभा के अंतर्गत कैलास पुर में भी शौचालय निर्माण के नाम पर अफसरों ने ठेकेदार से मिलकर कई खेल किये हैं.
- यहाँ मानकों को दरकिनार कर शौचालयों के निर्माण में भारी घोटाला हुआ है.
- कई जगह तो शौचालय निर्माण हुआ ही नहीं लेकिन पैसों का भुगतान भी हो गया.
लोगों ने बताई निर्माण के समय की ये समस्याएँ
- कैलास पुर के लोगों ने निर्माण कार्य में हुए घोटालों को लेकर कई बातों से पर्दा उठाया.
- कैलाशपुर में शौचालयों के निर्माण में लाखों का घोटाला और मानक के विपरीत निर्माण कार्य हुआ
- लाखों का घोटाके के साथ मानक के विपरीत निर्माण कार्य हुआ है.
- गांव मे लगभग 50 शौचालयो को बनाया जाना था.
- कैलाशपुर के ग्रामीणों अशोकयादव,जियावन,गुनगई,बच्चा,शिवनारायण,सतीश,जीतू,हरवन्स आदि ग्रमीणों का कहना है कि आनन फानन एवम जैसे तैसे शौचालयो का निर्माण कराकर विभागीय दलाल ठेकेदार और सरगना मालामाल हो गये.
- शौचालय के बनने में सबसे निम्न कोटि की ईटे यानि पीली इंटों से भी बदत्तर ईंट एवं सिर्फ बालू और पानी मिलाकर शौचालय की दीवारे जोड़ी गयी है.सीमेंट का इस्तेमाल न के बराबर हुआ है.
- कई जगहों पर तो शौचालयो में शीट ही नही लगे गई है.
- लोगों का कहना है की जब शीट ही नही है तो शौच कहा करें.
- इसलिए लोगों को मजबूर होकर खेत खलियान में शौच के लिए जाना पड़ता है.
- यही नही कहीं कहीं तो दो शौचालयो के लिए सिर्फ एक दीवार ही द्वार बना कर खाना पूर्ती की गई है.
- निर्माण सामग्री बचाने के लिए ठेकेदार ने दो ग्रामीणों के शौचालयो को एक में ही बनवा दिया.
- जिसके चलते दोनो ग्रामींण आये दिन एक दुसरे से उलझ पड़ते हैं.
- ग्रामीण बताते है कि ठेकेदार और प्रधान ने पहले ही बता दिया था कि जो व्यक्ति शौचालय निर्माण के दौरान सवाल जवाब करेगा उसका काम रोक दिया जायेगा.
- वहीँ ज़िम्मेदारों की मानें तो मामला संज्ञान में नही था सम्बन्धित विभाग को निर्देशित कर इस मामले पर उचित कार्यवाही की जायेगी.
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