उत्तर प्रदेश के हाथरस जिला में आवास विहीन परिवार को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के आवंटन में पात्र लोगों को लाभ नहीं मिल पा रहा है, जबकि अपात्रों को अधिकारियों की मिलीभगत से आवास आवंटित किये जा रहे हैं।
बरसात में दूसरों के घर रहकर गुजरते हैं रातें
गांव 1- प्रधानमंत्री आवास से सम्बंधित मामला मुरसान विकासखंड ग्राम पंचायत तमनगढ़ी का है। ग्राम सभा तमनागढ़ी में लगभग 20 वर्षों से झोपड़ी में रामस्वरूप और उसकी पत्नी MLA देवी अपने एक बच्चे और देवर के साथ बड़ी मुश्किल से मेहनत मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। रामस्वरूप और उसकी पत्नी MLA देवी का एक टूटा छप्पर का मकान है। इसमें वह चार सदस्यों के साथ मुश्किल से झोपड़ी में रहते हैं। चाहे सर्दी हो या गर्मी फिर चाहे बरसात क्यों न आ रही हो। मौसम में हर तरह से दुश्वारियों को ये परिवार झेल रहा है। यह परिवार बरसात के दिनों में दूसरों के घर में रहकर गुजर बसर करता है। ब्लॉक के अधिकारी एवं ग्राम प्रधान की मिलीभगत से ऐसे परिवार को पीएम आवास का लाभ नहीं मिल पा रहा है।
अधिकारी मदद के बजाय मांगते हैं पैसा
गांव 2- दूसरी तस्वीर हाथरस जिले के गंगा नगर की है। यहां रामू का परिवार पिछले दो दशक से 11 सदस्यों साथ झोपड़ी डालकर अपना जीवन-यापन कर रहा है। रामू का कहना है उसने सरकारी योजना में मिलने वाले आवास के लिए नगर पालिका तहसील में और उच्चाधिकारियों से आवास के लिए मदत की गुहार लगाई। लेकिन किसी ने भी हमारी मदद नहीं की। जिस किसी भी अधिकारी के पास आवास के लिए मदद मांगने जाते हैं, तो अधिकारी मदद करने की जगह पैसे की मांग करते हैं। पीड़ित ने बताया कि हम लोग मजदूरी करने वाले लोग हैं, रोजाना अधिकारियों के चक्कर लगाते रहेंगे तो हमारे बच्चे क्या खाएंगे। इसलिए हमने अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाना बंद कर दिया और इस झोपड़ी में जीवन यापन करने लगे।
पैसा नहीं दिया तो आवास नहीं मिला, दूसरे की जमीन पर झोपड़पट्टी डालकर रह रहा परिवार
गांव 3- तीसरी तस्वीर हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील क्षेत्र के मोहल्ला सराय उम्दा बेगम की है। यहां शाकिर पुत्र निजामुद्दीन फकीर मुसलमान हैं। शाकिर अपनी पत्नी और 6 छोटे छोटे बच्चो के साथ झोपडी डालकर रह रहा है। इस गरीब के पास सर छुपाने को अपनी जगह तक नहीं है। ये परिवार दूसरे व्यक्ति की जमीन पर झोपड़पट्टी डालकर जीवन यापन कर रहा है। कई बार सरकारी आवास लेने के लिए फार्म भरे गए किन्तु सुविधा शुल्क नहीं दिया तो आवास ही नहीं मिले।
कब जागेंगे जिम्मेदार अधिकारी, पीएम के सपनों को पलीता लगा रहे भ्रष्ट अधिकारी
अभी हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों से सीधा संवाद किया। उन्होंने कहा केंद्र सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2022 तक प्रत्येक परिवार का अपना घर हो सके। इसके लिए सरकार योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना से प्रत्येक परिवार को अपना घर ही नहीं, बल्कि लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा हो रहे हैं। आवास योजना सिर्फ ईंट और गारे से ही जुड़ी नहीं है, बल्कि यह भावनाओं, बेहतर जिंदगी और सपनों के पूरा होने से भी जुड़ी है। उन्होंने कहा कि जब भारत 2022 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा होगा, तब तक हर भारतीय का अपना घर होने का सपना पूरा हो जाएगा, यही हमारा लक्ष्य है। लेकिन प्रधानमंत्री के इस सपने को भ्रष्ट अधिकारी पलीता लगा रहे हैं।