पुलिस को न्याय का रक्षक कहा जाता है क्योंकि उनका काम फ़रियादी को न्याय दिलाना होता है मगर फतेहपुर जिले की पुलिस पर पीड़िता को न्याय दिलाने के बजाय उसको रकम दिलाकर मामले को शांत कराने का आरोप लगा है.
क्या है पूरा मामला:
मामला अशोथर थाने के कठौता गांव का है. आरोप है की यहाँ दुष्कर्म के प्रयास की शिकायत लेकर थाने पहुंची पीड़ित का मामला दर्ज करने के बजाए पुलिस ने उसकी इज्ज़त की कीमत लगा दी. पीड़िता के मुताबिक उसे दस हजार रुपए दिलवाकर मामले को रफा दफा कर दिया गया.
मंदबुद्धि है नाबालिक पीड़िता:
बता दें कि जिस मासूम के साथ रेप की कोशिश की गई वो मंदबुद्धि भी है. पीड़ित की मां अपनी बेटी के साथ हुए रेप की कोशिश की एफआईआर दर्ज कराने के लिए दर-दर को ठोकरे खाने को मजबूर है लेकिन पुलिस कोई सुनावाई नहीं कर रही है. कठौता गाँव की रहने वाली इस 8 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ पड़ोस के रहने वाले प्रदीप ने घर के बाहर से खेलते समय उठा लिया. आरोपी प्रदीप उसे अपनी हवस का शिकार बनाना चाहता था लेकिन किसी की आहट सुनकर मौके से भाग निकला.
पुलिस ने किया पैसे दिलवाने का प्रयास:
पीड़िता की मा के मुताबिक़ पुलिस ने उनकी फरियाद ना सुन आरोपी को थाने बुलाया और उसे दस हजार दिलाकर मामले को रफा दफा कर दिया. परिवार अब भी न्याय की आस लगाये हुए है.