उत्तर प्रदेश में श्रावस्ती जिले में शौचालय निमार्ण के बगैर कैसे जिला घोषित होगा शौचमुक्त? शौचालय बनवाने के लिए सरकार ने गरीब परिवारों को 12 हजार की आर्थिक सहायता देकर शौचालय निर्माण के लिए प्रोत्साहित किया है। जिससे कोई खुले में शौच न करे, लेकिन इस कार्य मे सबसे बड़ी बाधा पुलिस बन रही है।
पुलिस ने साइकिल और ठेलिए पर बालू लादकर लाने वालों से की पैसा वसूली:
बता दे कि साइकिल और ठेलिए से बोरियों में बालू ला रहे लोगों को पुलिस जमकर पीटने लगी है. श्रावस्ती जिले के मोहरनिया डीह के ग्रामीणों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए बताया कि गांव के करीब बह रही नदी से शौचालय निर्माण के लिये ठेलिये पर बालू ला रहे थे।
तभी लक्ष्मण नगर पुलिस ने रास्ते में रोक कर पहले तो उनसे पैसे की मांग की. जब उन्हें पैसे नही मिले तो पुलिसकर्मियों ने बालू गिरवा दिया और जमकर मारा पीटा भी।
पैसा न देने पर किया की पिटाई:
यहाँ तक कि पुलिसकर्मियों ने बच्चों को भी नही छोड़ा. साइकिल और ठेलिये के टायर तक पुलिस ने काट दिया।
बालू की किल्लत से सरकार की ओर से गरीबों को दी गयी आवास व शौचालय अधूरे पड़े हैं। ऐसे में बड़ा सवाल उठ रहा है कि कैसे शौच मुक्त हो पायेगा जिला।
वहीं बीएसपी विधायक असलम राइनी ने भी पुलिस के प्रति आक्रोश जताया और सरकार से उचित कार्रवाई करने की मांग की।