राजधानी के कृष्णानगर पुलिस ने ऑनलाइन ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गैंग का भंडाफोड़ करते हुए गिरोह के छह सदस्यों को गिरफ्तार भारी मात्रा में सामान बरामद किया है। ये गैंग सातवीं पास से लेकर इंटर, बीटेक व ग्रेजुएशन, भविष्य संवारने की दहलीज पर कदम बढ़ा रहे छात्रों ने भोले-भाले गांव वालों को करोड़पति बनने का झांसा देकर ठगी कर रहा था। खुद को लाइफ इंश्योरेंस का अधिकारी बताकर पहले उनका भरोसा जीता फिर कुछ नकदी या फिर उनके खातों से उनकी गाढ़ी कमाई डकार गए। जल्द अमीर बनने की होड़ ने इन सभी को जरायम की दुनियां में धकेल दिया। धनवान बनने के लिए कई तरह की पैंतरेबाजी ने उनके माथे पर ठग लिख दिया।
भारी मात्रा में नगदी और सामान बरामद
एसएसपी दीपक कुमार के निर्देशन इंपेक्टर कृष्णानगर अंजनी कुमार पाडेय ने गहन छानबीन की तो पता चला कि गिरोह की जड़े यूपी ही नहीं मध्य प्रदेश व दिल्ली के अलावा यूपी के गाजियाबाद सहित कई जिलों में इनकी जड़ें फैली नजर आई। इस पर कृष्णानगर पुलिस ने क्राइम ब्रांच टीम की मदद से रविवार सरगना समेत छह जालसाजों को गिरफ्तार कर किया है। अब तक ये लोग हजारों लोगों से करोड़ों रुपयों की जालसाजी कर चुके हैं। पुलिस को इनके पास से 1,12, 000 रुपए की नकदी, 6 लैपटाप, 67 मोाबइल फोन, 23 एटीएम कार्ड, 15 पासबुक, 50 सिम, 5 वोटर कार्ड, 5 आधार कार्ड, 11 नए सिम कार्ड, दो पेन कार्ड के अलावा फर्जी दस्तावेज बरामद हुए हैं।
इनकी हुई गिरफ़्तारी
एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि पकड़े गए जालसाजों ने अपना नाम संजय इन्क्लेव उत्तमनगर नई दिल्ली निवासी अमन कुमार, प्रेमनगर झांसी निवासी गौरव मेहता, आलमबिहार मोहान रोड पारा लखनऊ निवासी आकाश कुमार गुप्ता उर्फ रवि, उत्तमनगर नई दिल्ली निवासी गौरव कुमार सिंह, चकभीटी रायबरेली निवासी अंकित सिंह व वसरैया गांव थाना गोसाईगंज लखनऊ निवासी रवि वर्मा बताया।
ऐसे करते थे करोडों की ठगी
एएसपी अपराध दिनेश कुमार सिंह का कहना है कि इस गिरोह का सरगना अमन कुमार है,जिसके इशारे पर जालसाजी का गिरोह चलता है। उन्होंने बताया कि पूछताछ में अपना जुर्म इकबाल करते हुए बताया कि ये लोग लाइफ इंश्योरेंस के धारकों के मोबाइल फोन कर कहते थे कि वे इंश्योरेंस कंपनी का अफसर बोल रहा हैं, लिहाजा आप लोगों को कंपनी की ओर से बोनस मिलना है। पकड़े गए शातिर दिमाग वाले ठगों की भोली बातों पर धारकों को अपने विश्वास में लेकर उनसे और उनके खाते से ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करा उनकी गाढ़ी कमाई हजम कर लेते थे।
कानपुर से चलाते थे जालसाजी का गैंग
इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय ने बताया कि पूछताछ में सरगना सहित पकड़े गए सभी आरोपितों ने बताया कि इनका एक संगठित गिरोह है और इनका तार यूपी के अलावा अन्य राज्यों तक जुड़ा है। इंस्पेक्टर का कहना है कि ये लोग शहरी क्षेत्र नहीं बल्कि देहात इलाके में जाकर लोगों को पांच हजार रुपए का लालच देकर उनका खाता खुलवाते थे। खाता खुलवाने के बाद शातिर दिमाग वाले ठग उनका एटीएम व पासबुक अपने पास रख लेने की बात स्वीकार की। इंस्पेक्टर ने बताया कि छानबीन के बाद पता चला कि पूर्व में इनके खिलाफ दिल्ली, गाजियाबाद, मध्य प्रदेश के अलावा यूपी के अन्य जनपदों में भी ठगी का मुकदमा दर्ज है, जो वहां से फरार चल रहे थे।
खाता चेक करने थे पहुंच गए सलाखों के पीछे
एएसपी अपराध दिनेश सिंह के मुताबिक पकड़े गए आरोपितों कृष्णानगर स्थित आंध्रा बैंक में खाता खुलवा रखा है। जहां पर ये लोग भोले-भाले लोगों की कमाई हजम कर जमा कर रहे थे। बताया गया कि पकड़े गए जालसाजों ने उक्त में चेक करने गए कि उनके खाते में लोगों ने रकम भेजा है कि नहीं। जैसे ही बैंक की दहलीज पार कर भीतर दाखिल हुए कि बैंक मैनजेर को शक हुआ और इसकी सूचना पुलिस को दे दी। इस सूचना पर इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और सभी आरोपितों को हिरासत में ले लिया था। हिरासत में लिए गए आरोपितो से पूछताछ की तो पता चला कि ये गैंग कोई हल्का नहीं बल्कि अतंर्राष्ट्रीय गिरोह के रुप में है। कहावत नहीं बल्कि हकीकत है कि लोग जल्द अमीर बनने की लालच में आकर खुद के ही बुने जाल में फंस जाते हैं। कुछ ऐसा ही इस गिरोह के साथ हुआ गए थे बैंक में जमा रकम की जांच करने और पहुंच गए सलाखों के पीछे।
इन पुलिसकर्मियों ने किया गिरोह का पर्दाफाश
टीम की अगुआई करने वाले इंस्पेक्टर अंजनी कुमार पांडेय, निरीक्षक अजय कुमार त्रिपाठी, दरोगा अमरनाथ यादव, दरोगा नरेन्द्र प्रताप राय, भरत पाठक, राहुल गुप्ता, कांस्टेबिल अनीस कुमार, कांस्टेबल जितेन्द्र यादव, चन्द्रदीप शुक्ला, सुनील राय, कांस्टेबिल अबसार आलम, परमवीर सिंह, प्रमोद पांडेय, अवधेश कुमार सिंह, प्रिंस यादव, आराधना व सविता को इस गुडवर्क पर खुश होकर पांच हजार रुपए इनाम देने की घोष्णा करने के साथ उन्हें शाबासी दी।